पंकज जगन्नाथ जयस्वाल
महान देशभक्त और बहुमुखी व्यक्तित्व वाले डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर राष्ट्र से जुड़े सभी मुद्दों पर स्पष्ट और मुखर थे. इस तथ्य के बावजूद कि कम्युनिस्टों और कई राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें हिंदू धर्म के विरोधी के रूप में चित्रित किया है. हालांकि, उन्होंने कभी भी देश के अतीत और संस्कृति का तिरस्कार नहीं किया बल्कि उन्होंने उस समय प्रचलित अंधविश्वासी प्रथाएं और व्यापक जातिगत भेदभाव का तिरस्कार किया. उन्होंने अपनी पुस्तक ‘रिडल्स ऑफ हिंदुइज्म’ में यहां तक उल्लेख किया है कि, जबकि पश्चिम का मानना है कि लोकतंत्र का आविष्कार उन्होंने किया, हिंदू ‘वेदांत’ में इसके बारे में और भी प्रमुख और स्पष्ट चर्चाएँ हैं, जो किसी भी पश्चिमी अवधारणा से पुरानी हैं.
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