Dehradun: मुख्यमंत्री धामी की सख्ती के बाद जंगलों में आग लगाने वालों पर वन विभाग की सख्त कार्रवाई कर रहा है. शुक्रवार को तीन लोगों को जंगल में आग लगाने पर मौके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है. विभाग ने जंगल में वनाग्नि को बुझाने के लिए अलग- अलग टीमें गठित की हैं. वहीं आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
प्रभागीय वनाधिकारी, रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल द्वारा नरेश भट्ट पुत्र मोलाराम भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए तडियाल गांव, तहसील-जखोली से मौके पर पकड़ा गया. अभियुक्त का कहना है कि बकरियों को नयी घास के लिए उसने जंगल में आग लगायी.
इस मौके पर वन क्षेत्राधिकारी, दक्षिणी जखोली की ओर से अपराधी को हिरासत में लेकर जेल भेजने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी और भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत वन अपराध दर्ज किया गया. उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमन्त सिंह पुत्र उदय सिंह एवं भगवती लाल पुत्र चंदरू लाल को जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़कर जेल भेजा गया.
प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि जंगल में आग लगाने अपराधियों के विरुद्ध वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अपराध दर्ज कर दण्डित किया जाएगा. अपराधियों को पकड़ने के लिए प्रभाग स्तर पर वनाग्नि सुरक्षा दल गठित किया गया है. अभी तक इस वर्ष कुल 19 मुकदमें दर्ज किये गये हैं जिसमें से 3 मुकदमें नामजद हैं और 16 मुकदमों में जांच गतिमान है. वनाग्नि क्रू-स्टेशन एवं मोबाइल क्रू-स्टेशन द्वारा वनाग्नि नियंत्रण किया जा रहा है. साथ ही उड़न दस्ता दल द्वारा समस्त रेंजों में सेटेलाइट, कैमरों एवं दूरबीन के माध्यम से अपराधियों को पकड़ने का कार्य किया जा रहा है. वनाग्नि रोकथाम वन विभाग के प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता एवं जनभागीदारिता आवश्यक है.
वनाग्नि सुरक्षा दल में उप प्रभागीय वनाधिकारी देवेन्द्र सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी पवन नेगी, उप प्रभागीय वनाधिकारी मोहन सिंह, उप वन क्षेत्राधिकारी दक्षिणी जखोली केसी नैनवाल, वन आरक्षी सुरजन सिंह नेगी तथा अन्य सदस्य मौजूद थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार