नया रेलवे पंबन ब्रिज हर जगह चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है जोकि भारत के अतीत को वर्तमान और भविष्य से जोड़ता है. भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पुलों में से एक है. यह समुद्री जल में बना भारत का पहला ऑटोमेटिड वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है, जो तमिल विरासत और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के लिए इसके महत्व को दर्शाता है. इसकी विशेषताओं के बारे में नीचे बिंदुओं की मदद से बताने जा रहे हैं.
-बता दें कि 1914 में निर्मित, पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़े रखा. दिसंबर 2022 में जंग लगने के कारण बंद कर दिया गया, इसने आधुनिक न्यू पंबन ब्रिज के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जो कनेक्टिविटी के एक नए युग को चिह्नित करता है.
-पम्बन ब्रिज रेलवे के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पुलों में से एक है. यह समुद्री जल में बना पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज होगा और यह तमिल इतिहास, संस्कृति, प्राचीन तमिल सभ्यता और तमिल भाषा के लिए सबसे महान वास्तुशिल्प चमत्कारों में से एक है.
-535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा.
-ये पंबन पुल तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित यह पुल भारत के चारधाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप को चेन्नई से जोड़ता है.
-बता दें यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, यह ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है. इसमें 99 स्पैन (खंभों के बीच की दूरी) हैं वहीं इसका लिफ्टिंग हिस्सा 72.5 मीटर लंबा है. ये देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.
-पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया. फरवरी 2019 में, रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी.
-यह पुल 2.5 किमी से अधिक लंबा है और इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया गया था. इसे तेज़ ट्रेनों और बढ़े हुए ट्रैफ़िक को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
-नया पंबन ब्रिज न केवल कार्यात्मक है, बल्कि यह प्रगति का प्रतीक है, जो लोगों और स्थानों को आधुनिक इंजीनियरिंग की बेजोड़ छाप से जोड़ता है.
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