Uttarakhand Summer Tourism: देवभूमि उत्तराखंड को प्रकृति का स्वर्ग कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. हर साल बड़ी संख्या लोग घूमने के लिए यहाँ का रुख करते हैं. वहीं अब गर्मी का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में झुलसाने वाली गर्मी से राहत के लिए भी लोग उत्तराखंड के हिल स्टेशनों जाना पसंद करते हैं.
ऐसे में अगर शांति, सुकून और ठंड की तलाश में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज देवभूमि के 5 टूरिस्ट डेस्टिनेशन के बारे में बताने जा रहे हैं. यहां घूमने का प्लान कर सकते हैं.
मुनस्यारी

पिथौरागढ़ का विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल मुनस्यारी है जहां बड़ी संख्या में लोग जना पसंद करते हैं. प्रकृति की गोद में बसा यह टूरिस्ट प्लेस सैलानियों की पहली पसंद रहता है जहां शांति और सुकून के लिए लोग पहुंचना पसंद करते हैं. यहां पर पंचाचूली पर्वत का मनमोहक दृश्यों का नजारा लेने के लिए देश और दुनिया से लोग पहुंचना पसंद करते हैं. यहीं खलिया टॉप ट्रेकिंग के लिए काफी फेमस है साथ ही मिलम ग्लेशियर में एडवेंचर्स के लिए जा सकते हैं.
दारमा वैली

धारचूला के पंचाचूली पर्वत पर बसा ये खूबसूरत स्थान भारत की सबसे सुंदर जगहों में से एक है जहां अनगिनत सैलानी पहुंचते हैं. यहाँ सुविधाओं के लिए खास होम स्टे की सुविधाएं मौजूद हैं वहीं खान-पान में भी पर्वतीय छाप साफ नजर आती है. ज्यादातर समय पर दारमा वैली बर्फ की मोटी चादर से ढकी रहती है इसलिए सितंबर से अक्तूबर और अप्रैल से जून में यहां जाना सबसे सही होता है. धारचूला से दारमा वैली का रास्ता केवल 70 किलोमीटर का है जहां सड़क से आसानी से जा सकते हैं.
व्यास वैली

प्रकृति की गोद में बसा व्यास वैली खूबसूरत दर्शनीय स्थल है जहां चारों ओर नदी, जंगल, झील, पहाड़ हैं. यहीं से आगे चीन की सीमा भी लगी हुई है जिससे आगे आदि कैलाश, गणेश पार्वती, ओम पर्वत जैसे कई स्थल मौजूद हैं. आगे कैलाश मानसरोवर के लिए भी यहीं से होकर रास्ता जाता है. इस स्थान पर देश और दुनिया से लोग प्रकृति की गोद में शांति की खोज में पहुंचते हैं. यहां सड़क के रास्ते से आसानी से पहुंचा जा सकता है, वहीं धारचूला से व्यास वैली 90 किलोमीटर दूर है.
चौकोड़ी

उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक चौकोड़ी भी है जहां बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल पहुंचते हैं. यहां के हिमालय के हैरतअंगेज नजारे और शांत पहाड़ियां हर किसी को यहाँ रुकने के लिए मजबूर करती हैं. वहीं शांति और सुकून के दो पल भला किसे नहीं चाहिए, यहीं कारण है कि गर्मियों में टूरिस्ट चौकड़ी का रुख करते हैं. यह स्थान पिथौरागढ़ से 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां सड़क के रास्ते से पहुंचा जा सकता है.
कौसानी

उत्तराखंड की खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों की बात हो और कौसानी का नाम न आए, ऐसा नहीं हो सकता. ज्यादातर समय पर यह जगह चारों और बर्फ से ढ़की रहती है वहीं अपार प्राकृतिक संपदा धरती पर किसी स्वर्ग से कम नहीं है. टूरिस्ट अपनी भागदौड़ भरी उबाऊ जिंदगी से छुट्टियां लेकर यहां घूमना पसंद करते हैं. यहां पर त्रिशूल, नंदा देवी और पंचाशूली चोटियों का आनंद ले सकते हैं. कौसानी पहुंचने के लिए सबसे अच्छा रास्ता सड़क का है. वहीं रेल की मदद से भी यहां जाया जा सकता हैं जिसका निकटतम स्टेशन काठगोदाम है.