आज देश भर में भगवान श्री हनुमान का जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह, प्रेम और भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है. हिंदू पंचाग के मुताबिक चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को ही श्री रामचंद्र भगवान के अनन्य भक्त का जन्म हुआ था. उनके मां अंजना और पिता केसरी थे जिसके चलते हनुमान जी को अंजनीपुत्र और केसरीनंदन के नाम से भी जाना जाता है. धर्मशास्त्रों के मुताबिक हनुमान जी के जन्मोत्सव का विशेष महत्व है जिस दिन पूजा अर्चना और नाम लेने भर से शक्ति और ऊर्जा का नया संचार होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
हनुमान जन्मोत्सव विशेष
हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नौ निधियों का दाता कहा जाता है, रामचरितमानस में उनकी वीरता और प्रभु श्री राम के प्रति अनन्य भक्ति प्रेम के किस्से उनके भक्तों को सदा ही प्रेरित करते हैं. मान्यताओं के अनुसार भगवान हनुमान ही ऐसे देवता है जो इस कलयुम के सशरीर धरती पर मौजूद है. हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग के अंतिम चरण में हुआ था, उनकी आयु 58 लाख 58 हजार 112 वर्ष है. वहीं उनको स्मरण करने भर से ही व्यक्ति के सभी कष्टों का निवारण होता है. कई जगहों पर इस शुभ दिन पर भंडारों-कीर्तनों, सभाओं का आयोजन किया जाता है.
हनुमान जी के अन्य नाम
भगवान हनुमान अपनी शक्तियों से अपने भक्तों से सभी संकट और बाधाएं दूर करते हैं. उन्हें को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, इसमें से कुछ मुख्य – केसरीनंदन, अंजनीपुत्र, पवनपुत्र, महावीर, संकटमोचन, आजनेय, रुद्र, बजरंगबली, बजरंगी, मारुति, रामेष्ट, सीता शोकविनाशक आदि नामों से भी जाना जाता है.
कैसे करें हनुमान जी की पूजा?
राम जी के प्रिय हनुमान जन्मोत्सव पर कई लोग व्रत और उपवास भी रखते हैं. उनकी पूजा करने भर से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं, जिसमें सबसे पहले हनुमान प्रतिमा और मंदिर की साफ सफाई करके उन्हें चोला, लाल लंगोट, जनेऊ, चोला, मिट्टी, फूल आदि चढ़ाएं. इसके बाद उनके सामने चमेली के तेल का दीपक जलाए. हनुमान जी को बूंदी, लड्डू, भुने चने गुड़, नारियल, केले, आदि का भोग लगाएं. संकटमोचन की चालिसा पढ़ें, उनकी आरती करें और राम दरबार का मन में ध्यान करें. इसके अलावा इस शुभ दिन पर हनुमान मंदिर भी जा सकते हैं.
हनुमान जन्मोत्सव पर इन मंत्रों का जाप करें
हं हनुमते नम:
ओम पवनपुत्राय नम:
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
महाबलाय वीराय चिरंजीविन उद्दते
हारिणे वज्रदेहाय चोलंघितमहाव्यये॥
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्रीरामदूताय नमः॥
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
इसके अलावा हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदर काण्ड, राम स्तुति आदि का भी पाठ कर सकते हैं, जिसे करने से मन शांत और हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं.