Uttarakhand Tourism (Ranikhet): उत्तराखंड में घूमने की जगहों की भरमार है, नीले-हरे रंग के पानी से लेकर ऊंची वादियां, हर मैदान और बर्फ के इलाके यहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास है. ऐसे में अगर आप कम बजट में ट्रिप प्लान करने का सोच रहे हैं तो रानीखेत से बेहतर ऑप्शन और कुछ नहीं हो सकता, जहां विजिट कर सकते हैं. रानीखेत उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक हिल स्टेशन और छावनी शहर है. यहां पर जहां एक तरफ देवदार और बलूत के पेड़ जगह की खूबसूरती बढ़ाते हैं तो वहीं प्राकृतिक मजबूती मन मोह लेने वाली है.
रानीखेत प्रकृति की गोद में बसा एक खूबसूरत शहर है जहां चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे पहाड़ हैं तो वहीं हरियाली लोगों को भागदौड़ भरी दुनिया से दूर सुकून की तरफ ले जाती है. साथ ही यहां खाने से लेकर ठहरने और टूरिस्ट एक्टिविटी तक की सारी सुविधाएं बजट में मिल जाती हैं. रानीखेत को रानी का मैदान नाम से भी जाना जाता है जिसकी खोज अंग्रेजों ने की थी. यह कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर और नागा रेजिमेंट का घर होने की वजह से शहर का ध्यान भारतीय सेना करती है.
जानें क्यों पड़ा जगह का नाम रानीखेत

रानीखेत को लेकर एक पौराणिक कथा भी काफी प्रचलित है जिसके अनुसार इस हिल स्टेशन का खोज सबसे पहले राजा सुखदेव की पत्नी रानी पद्मिनी ने की थी. एक दिन वो इस जगह से गुजर रही थीं, उन्हें ये जगह काफी पसंद आई और यहीं ठहरने का निश्चय किया. जब यह बात राजा को पता चली तो उन्होंने भी यहीं रूकने का फैसला किया. तभी से इस जगह का नाम रानीखेत पड़ गया.
रानीखेत में कहां घूमें?

उत्तराखंड के छोटे से पहाड़ी शहर रानी खेत में घूमने के लिए कई सारी जगह मौजूद है जहां पर जाकर इस ट्रेवलिंग के एक्सपीरियंस को और भी ज्यादा खास बना सकते हैं –
रानीखेत में कई मंदिर हैं, इसमें से 700 साल पुराना सुप्रसिद्ध झूला देवी मंदिर जा सकते हैं, जोकि हफ्ते के सातों दिन खुलता है. वहीं मनकामेश्वर मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है वहां भी जा सकते हैं. इसके अलावा कुमाऊं पर्वत क्षेत्र में हैदाखान बालाजी मंदिर भी विजिट कर सकते हैं.

रानीखेत में प्रकृति प्रेमियों के लिए काफी कुछ है, यहां नंदा देवी रेंज के शानदार नजारे दिल खुश कर देने वाले हैं. इसके अलावा यहां शीतलखेत, रानीखेत गोल्फकोर्स, उपट कालिका भी स्थित है जहां जरूर जाना चाहिए. वहीं 9 होल वाल गोल्फ कोर्स जोकि एशिया का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स है वो भी रानीखेत में ही है.
नेचर की गोद में सुकून के दो पल भी काफी अच्छे होते हैं ऐसे में शांति की सुकून तलाश रहे लोगों के लिए रानीखेत एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन है.
रानीखेत से थोड़ी दूरी पर नैनीताल स्थित है जहां पर ट्रैकिंग, नैनीताल चिड़ियाघर और नैनी झील, नैना देवी की यात्रा पर जा सकते हैं.
रानीखेत में कहां पर ठहरे?

गेस्टहाउस – बता दें कि रानीखेत में ठहरने के लिए कई ऑप्शन हैं सबसे पहले बजट फ्रेंडली गेस्टहाउस उपलब्ध हैं जहां तमाम तरह की सुविधाएं मिलती हैं.
होटल या रिजोर्ट – यहां कई शानदार होटल हैं और रिजोर्ट भी रुकने के लिए मिल जाएंगे. जहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट जाते हैं.
सरकारी गेस्ट हाउस – इसके अलावा रानीखेत में कई कैंम्पिंग और सरकारी गेस्टहाउस की सुविधा है जहां सही रेट पर रूम और ठहरने की जगह मिल जाती हैं.
रानीखेत कैसे पहुंचे?

रानीखेत उत्तराखंड का जाना माना टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जहां कई तरीकों से पहुंचा जा सकता है.
सड़क से यात्रा – रानीखेत में सड़कों का जाल काफी अच्छी तरह फैला हुआ है. दिल्ली से रानीखेत की दूरी 352 किलोमीटर दूर है तो वहीं हल्द्वानी से ये महज 83 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. सड़कों की अच्छी कनेक्टिविटी होने के चलते देहरादून, हरिद्वार, चंडीगढ़ कहीं से भी यहां पहुंचा जा सकता है.
ट्रेन से यात्रा – रानीखेत से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. जहां से रानीखेत केवल 80 किलोमीटर दूर रह जाता है. हल्द्वानी या काठगोदाम कहीं से भी टैक्सी में वहां पहुंच सकते हैं.
हवाई जहाज से यात्रा – हवाई यात्रा के लिए रानीखेत से नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है यहां से रानीखेत की दूरी 119 किलोमीटर रह जाती है. हवाई अड्डे से लोग टैक्सी या कैब आदि की मदद ले सकते हैं.