उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल में यातायात अव्यवस्था सुधारने को कड़े उपाय करने को कहा. कोर्ट ने पूर्व में बंद किए गए फांसी गधेरे और बारा पत्थर के टॉल बूथ दोबारा शुरू करने और सूखाताल में टीआरसी व पेट्रोल पंप के पास मुख्य मार्ग के किनारे से पार्किंग हटाने के निर्देश दिए. ये टॉल बूथ 2014 में इसी कोर्ट के आदेश पर हटाए गए थे.
नगर में यातायात संबंधी पीआईएल पर मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए महाधिवक्ता और पुलिस अधिकारी बैठक कर के रास्ता तलाशें. मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी. मंगलवार को सुनवाई में कार्यवाहक आईजी के रूप में एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा पेश हुए उन्होंने कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि यातायात प्रबंधन प्लान के लिए आईआईएम के प्रोफेसरों की मदद ली जा रही है. कोर्ट ने अगली सुनवाई में उन प्रोफेसरों को भी शामिल करने को कहा.
सुनवाई में खंडपीठ ने कहा कि यहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं और वीक एंड में संख्या बहुत बढ़ जाती है. कोर्ट ने कहा कि इतने से शहर में इतनी ज्यादा गाड़ियां आना एक कमरे में हाथी रखने जैसा है. व्यवस्था में युद्धस्तर पर प्रयास किए जाने आवश्यक हैं. अत्यधिक वाहनों से लगे जाम के कारण मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते, शहर की पतली सड़कों पर अनियंत्रित ट्रैफिक का बोझ पड़ता है पैदल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं.
कोर्ट ने कहा कि होटलों में उनके कमरों के अनुपात में पार्किंग होनी चाहिए या वे शहर के बाहर की पार्किंग से अपने अतिथि पर्यटकों को टैक्सी से लाने की व्यवस्था करें कोर्ट ने इस पर विचार के लिए होटल एसोसिएशन को भी याचिका में पार्टी बनाने को कहा. खंडपीठ ने सड़कों पर परमानेंट पार्क किए वाहनों को हटाने के लिए अनाउंसमेंट करने और फिर उन्हें हटाने को नोटिस जारी करने को कहा. सीएससी चंद्रशेखर सिंह रावत ने कोर्ट को बताया कि नगर में नौ जगह पार्किंग में कुल 1135 वाहनों की पार्किंग है.
हिन्दुस्थान समाचार
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