MUDA Land Scam: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हाल ही में हाई कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है. न्यायालय ने गवर्नर के खिलाफ दायर की गई सीएम की याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के बीच नागप्रसन्ना पीठ की तरफ से बताया गया है याचिका में सामने आए तथ्यों को जांच की कोई जरूरत नहीं है ऐसा कहकर इसे खारिज कर दिया गया और साफ किया गया कि अभियोजन की मंजूरी देने के लिए राज्यपाल सक्षम हैं.
कर्नाटक उच्च न्यायालय की नागप्रसन्ना पीठ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा चुनौती दी गई याचिका को खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कथित MUDA घोटाले में अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी।
फाइल फोटो pic.twitter.com/lOY0FFWxLj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2024
बता दें कि यह पूरा मामला एक जमीन के टुकड़े को लेकर है इसका नाप 3.14 एकड़ है. यह जमीन वहां के वर्तमान सीएम सिद्दारमैया की पत्नी पार्वती के नाम पर हैं. बीजेपी की तरफ से इस मामले को लेकर लगातार हमले किए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री की तरफ से इस्तीफा भी मांगा जा रहा है. वहीं इसे लेकर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत ने सिद्धारमैया पर जांच करने की मंजूरी दे दी गई है, जिसे अब हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
हालांकि इन सभी आरोपों पर सीएम सिद्धारमैया अपना पक्ष साफ रखते हुए इन्हें खारिज करते आए हैं. उनकी तरफ से याचिका दायर करते हुए इस मामले को आसंवैधानिक बताया था. उन्होंने इसे विपक्ष की चाल बताते है सीएम पद से हटाने की एक कोशिश बताया था.
मैसूर शहरी विकास प्रधिकरण (MUDA) के नाम से भी जाना जाता है. यह मैसूर शहर के विकास के लिए काम करने वाली एक स्वायत्त संस्था है. सभी प्रकार की जमीनों के मामले देखने और आवंटित करने का मामला भी इसी के अंतर्गत आता है. आरोप है कि सिद्धारमैया सरकार के समय इस मूडा के काम में अनियमितताएं दर्ज की हैं. ऐसा करने से सरकार को करोड़ों की चपत लगी है. इस मामले में कई सीनीयर अफसरों के नाम भी सामने आए हैं जिन पर कार्यवाही होनी है.