नई दिल्ली: इलाहबाद हाई कोर्ट की तरफ से एक फैसला सुनाते हुए कहा गया है कि अगल लंबे समय तक आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाए गए हैं तो उसे दुष्कर्म नहीं माना जाएगा. न्यायालय की तरफ से यह फैसला मुरादाबाद के एक दुष्कर्म और लूटपात के मामले पर सुनवाई के बाद सुनाया है. साथ ही इससे जुड़ी एफआईआर और विचाराधीन केस की कार्रवाही को रद्द कर दिया गया है.
यह मामला धारा 482 के तहत दायर किया गया था, इसमें पीडिता महिला है और साथ ही उसके दो बच्चे भी है. अफेयर के समय उसका पति जिंदा था और उसकी उम्र 26 साल थी. महिला ने विवाहित होते हुए भी शारीरिक संबंध बनाया और 12-13 सालों तक उसके साथ रिश्ते में रही. कोर्ट की तरफ से बताया गया कि याची की उम्र कम है और वो पीड़िता के पति की कारोबार में नौकर था.
वहीं इस मामले में पीड़िता ने एफआईआर दर्ज करवाते हुआ कहा था कि उसके पति को डायबिटीज है और वो चलने फिरने में असमर्थ थे. पति ने आरोपी का परिचय करवाते हुए उसे भरोसे के काबिल और वफादार बताया था. इसके कुछ दिन बाद ही करीबी बढ़ने पर आरोपी ने कहा था कि उसका पति कुछ ही दिन जीवित रहेगा.