नैनीताल: हाईकोर्ट ने किच्छा ऊधमसिंह नगर के सरोलीकलां ग्राम का नाम राज्य सरकार की ओर से नगर पालिका क्षेत्र से हटाकर उसे फिर से ग्रामीण क्षेत्र घोषित करने के आदेश पर रोक लगा दी है. सरकार के इस आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं और मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी 2025 की तिथि नियत की है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार किच्छा ऊधमसिंह नगर के सिरोलीकलां ग्राम निवासी मोहम्मद याशीन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि किच्छा नगर पालिका के विस्तारीकरण में वर्ष 2018 में सिरौली कला, बंडिया, देवरिया व आजादनगर को शामिल किया गया था. वर्ष 2018 में ही नगर पालिका के चुनाव हुए, जिसमें सिरौलीकलां क्षेत्र में तीन वार्ड 18, 19, 20 व कुछ क्षेत्र वार्ड नंबर 17 में शामिल किया गया.
याचिका में कहा कि सिरौलीकलां नगर पालिका किच्छा में गत छह वर्षों से शामिल है और नगर पालिका द्वारा इस क्षेत्र में लगभग पांच करोड़ के विकास कार्य किए जा चुके है. जबकि वर्तमान में सिरौलीकलां को किच्छा नगर पालिका से ग्रामीण क्षेत्र में पृथक किया जा रहा है, जिसका सिरौलीकलां क्षेत्रवासी विरोध करते है. वह चाहते हैं कि सिरौलीकला ग्राम को नगर पालिका में ही रखा जाए. नगर पालिका में शामिल होने पर उनको कई सुविधाएं मिली है.
हिन्दुस्थान समाचार