Wednesday, June 4, 2025
No Result
View All Result
UK Dev Bhumi

Latest News

उत्तराखंड का ट्रैकिंग हब: जहां गांव बना पर्यटन और रोजगार का केंद्र, पलायन को दी मात

त्रियुगीनारायण मंदिर बना युवाओं के लिए डेस्टिनेशन की पहली पसंद, प्राकृतिक और दिव्य वातावरण में लें शादी के सातों वचन

कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र, अदम्य साहस और पराक्रम दिखाते हुए दिया था देश के लिए सर्वोच्च बलिदान

उत्तराखंड में मदरसों में भी गूंजेगी ऑपरेशन सिंदूर की विजय गाथा, पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल  

घांघरिया से हेमकुंड तक: सबसे ऊंचा गुरुद्वारा और कठिन ट्रेक, जानें आत्मा को छू लेने वाले सफर हेमकुंड साहिब से जुड़े जरूरी बिंदु

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
UK Dev Bhumi
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
No Result
View All Result
UK Dev Bhumi
No Result
View All Result

Latest News

उत्तराखंड का ट्रैकिंग हब: जहां गांव बना पर्यटन और रोजगार का केंद्र, पलायन को दी मात

त्रियुगीनारायण मंदिर बना युवाओं के लिए डेस्टिनेशन की पहली पसंद, प्राकृतिक और दिव्य वातावरण में लें शादी के सातों वचन

कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र, अदम्य साहस और पराक्रम दिखाते हुए दिया था देश के लिए सर्वोच्च बलिदान

उत्तराखंड में मदरसों में भी गूंजेगी ऑपरेशन सिंदूर की विजय गाथा, पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल  

घांघरिया से हेमकुंड तक: सबसे ऊंचा गुरुद्वारा और कठिन ट्रेक, जानें आत्मा को छू लेने वाले सफर हेमकुंड साहिब से जुड़े जरूरी बिंदु

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
  • लाइफस्टाइल
Home Latest News

पंचकेदार सर्किट का आखिरी मंदिर है कल्पेश्वर धाम, जहां जटाओं के रूप में पूजे जाते हैं भगवान भोलेनाथ

मंदिर कल्पेश्वर है जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु का जमावड़ा लगता हैं. अध्यात्मिक यात्राओं पर निकले लोग यहाँ खासतौर पर जाना पसंद करते हैं.

Diksha Gupta by Diksha Gupta
Apr 18, 2025, 03:03 pm GMT+0530
शिव को समर्पित आस्था का प्रमुख केंद्र है कल्पेश्वर मंदिर

आस्था का प्रमुख केंद्र है कल्पेश्वर मंदिर, पांडवों से है कनेक्शन

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

कहते हैं जिसने मन शांत कर लिया उसने शिव को पा लिया और शिव को पाना इतना कठिन भी नहीं है…इसी अध्यात्म से जुड़ी पंचकेदारों की यात्रा में एक नाम कल्पेश्वर धाम का है. यह इस सर्किट का पांचवा मंदिर है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु का जमावड़ा लगता हैं. अध्यात्मिक यात्राओं पर निकले लोग यहाँ खासतौर पर जाना पसंद करते हैं. भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले के हेलंग से 30 किलोमीटर दूर उर्गुम घाटी में स्थित है. यह समुद्र तल से लगभग 2130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

अध्यात्म का प्रमुख केंद्र कल्पेश्वर धाम 

Kalpeshwar Temple
Kalpeshwar Temple

कल्पेश्वर मंदिर हिंदुओं के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक हैं, जहां साल भर देश और दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं. यही कारण है कि यह देशभर के प्रमुख आध्यात्मिक केंद्रों में से एक हैं. इस मंदिर का इतिहास हिंदू पौराणिक कथाओं की समृद्ध विरासत से जुड़ा हुआ है. जहां एक तरफ चारों ओर मन मोह लेने वाली प्राकृतिक खूबसूरती ध्यान खींचती है, तो वहीं दूसरी तरफ स्वच्छ वातावरण और दिव्यता का अनुभव श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करता है. कल्पेश्व धाम एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव की जटाओं की पूजा होती है.

कल्पेश्वर मंदिर का इतिहास 

Natural Beauty of Kalpeshwar
Natural Beauty of Kalpeshwar

कल्पेश्वर मंदिर के इतिहास की जड़ें महाभारत जैसे महाकाव्यों तक जाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब विजयी होने के बाद पांडव भ्रातृ और ब्राह्मणों की हत्या दोष से ग्रसित होकर मुक्ती पाने की दिशा में इधर-उधर भटक रहे थे, तब उनकी इच्छा केवल महादेव के दर्शन पाने की थी. शिव की खोज उन्हें हिमालय के ऊंचे पहाड़ों की तरफ ले गई. भीम ने गुप्तकाशी के पास चरते हुए एक बैल को देखा, जिसके बाद वो समझ गए कि यही शिव हैं. भीम के पकड़ने के प्रयास में भोलेनाथ जमीन के अंदर जाने लगे मगर उनकी कुबड़ का कुछ हिस्सा वहीं रह गया. इसके बाद 4 अन्य जगहों पर शिव ने अलग-अलग अगों के रूप में उभर कर दर्शन दिए, जिन्हें पंचकेदारों के रूप में जाना गया. कल्पेश्वर में भगवान शिव की जटाएं प्रकट हुई थी.

इसके बाद ही पांडवों ने इन स्थलों पर मंदिरों का निर्माण करवाया जिन्हें आगे चलकर पंचकेदारों के रूप में जाना गया. वर्तमान में ये अध्यात्म का दिव्य केंद्र होने के साथ-साथ पांडवों की मुक्ति व मानसिक शांति का प्रतीक है. हिंदुओं के लिए यह स्थान खास महत्व रखते हैं, जहां हर स्थान से आए भक्तों का तांता लगा रहता है. मंदिर जाने वालों को न केवल चारों और प्रकृति की अनुपम खूबसूरती की छटा देखने को मिलती है, बल्कि ऊंचे पहाड़ किसी स्वर्ग में होने का अनुभव कराते हैं.

कल्पेश्वर मंदिर की विशेषता 

Kalpeshwar Temple
Kalpeshwar Temple

बता दें कि कल्पेश्वर शिव को समर्पित एक प्राचीन गुफा है, जहां स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है. यहां भगवान शिव की जटाओं की पूजा की जाती है, मंदिर का रास्ता एक तंग गुफा से होकर जाता है. यहां एक किलोमीटर की का रास्ता है इसके बाद शिव की जटाओं के दर्शन होते हैं. वहीं मंदिर के पास कलेवर नाम से एक कुंड भी है, जिसे लेकर मान्यता है कि इस कुंड का पानी हमेशा स्वच्छ रहता है. ऐसी कहा जाता है कि इस पानी को पीने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है.

कल्पेश्वर मंदिर के आसपास घूमने की जगह

भगवान शिव को समर्पित कल्पेश्वर मंदिर में दर्शन करने के साथ ही आस-पास की कई जगहों को भी विजिट कर सकते हैं. अगर आप इस मंदिर में आएं तो इन खूबसूरत जगहों पर जाना बिल्कुल भी न भूलें.

उर्गम घाटी में लें प्रकृति का अनुभव 

बता दें कि उर्गम घाटी प्रकृति की गोद में मौजूद एक खूबसूरत घाटी है. इसमें मनोरम दृश्य खासतौर पर सभी का ध्यान खींचते हैं. यहां शांति और सुकून के दो पल बिताने के लिए लोग दूर-दूर से आना पसंद करते हैं.

सागर गांव, मानसिक शांति का एक पड़ाव 

सागर गांव कल्पेश्वर मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित यह गांव प्राकृतिक खूबसूरती की मिसाल के रूप में जाना जाता है. यह रुद्रनाथ मंदिर का पहला स्टॉप के रूप में भी जाना जाता है. सागर गांव में जाकर मानसिक शांति का अनुभव होता है, वहीं नेचर के साथ एक अलग-सा जुड़ाव महसूस होता है.

रुद्रनाथ मंदिर – एक अध्यात्मिक पड़ाव

कल्पेश्वर मंदिर के पास ही रुद्रनाथ मंदिर भी मौजूद है, यह भी पवित्र हिंदुओं के तीर्थस्थल में से एक है. यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है जहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.

बंगा पानी धारा

बंगा पानी धारा कल्पेश्वर मंदिर से थोड़ी ही दूर स्थित है, जहां प्रकृति की अनुपम छटा देखने को मिलती है. यह जगह मन को अंदर तक शांत करने के साथ काफी तरोताजा भी कर देती है.

हिमालयन मडहाउस

यह हिमालयन मडहाउस उर्गम घाटी में ही स्थित एक अनोखी जगह है. मन की शांति के लिए यहां जाना बिल्कुल न भूलें.

कैसे पहुंचे कल्पेश्वर मंदिर? 

सड़क मार्ग से

पंचकेदारों में से एक कल्पेश्वर मंदिर पहुंचने के लिए सड़क का रास्ता काफी ठीक रहता है. इससे केवल उर्गम गांव तक ही जाया जा सकता है, जहां तक सड़कें मौजूद हैं. इससे आगे ट्रैक करके जा सकते हैं. देहरादून, रुद्रप्रयाग जोशीमठ से उर्गम घाटी के लिए टैक्सी कैब आदि लेकर जा सकते हैं.

रेलवे मार्ग द्वारा

कल्पेश्वर पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है. जोकि जोशीमठ से 251 किलोमीटर दूर स्थित है. इससे आगे के लिए बस, टैक्सी और कैब लेकर भी जा सकते हैं.

हवाई मार्ग द्वारा

बता दें कि कल्पेश्वर के लिए निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है. इससे कल्पेश्वर मंदिर की दूरी 268 किलोमीटर दूर रह जाती है. यहां से आगे के लिए टैक्सी सेवा मौजूद है जहां से कल्पेश्वर मंदिर जा सकते है.

यह भी पढ़ें – Rudranath Temple: पंचकेदारों में से एक है रुद्रनाथ धाम, जहां होते हैं भगवान शिव के मुख की पूजा

यह भी पढ़ें – Tungnath Temple: दुनिया की सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना शिव मंदिर जहां होती है भगवान भोले की भुजाओं की पूजा-Temple Tourism

यह भी पढ़ें – Garjiya Temple: नदियों के बीच विराजती हैं माता गर्जिया देवी, देश और दुनिया से पहुंचते हैं श्रद्धालु-Temple Tourism

Tags: Hindu TempleKalpeshwar DhamLord shivPanchkedarTemple TourismTop NewsTourismTourist PlacesUttarakhand
ShareTweetSendShare

RelatedNews

उत्तराखंड के सारी गांव में स्वरोजगार के लगते पंख
Latest News

उत्तराखंड का ट्रैकिंग हब: जहां गांव बना पर्यटन और रोजगार का केंद्र, पलायन को दी मात

त्रियुगीनारायण मंदिर बन रहा है डेस्टिनेशन वेडिंग की पहली पसंद
general

त्रियुगीनारायण मंदिर बना युवाओं के लिए डेस्टिनेशन की पहली पसंद, प्राकृतिक और दिव्य वातावरण में लें शादी के सातों वचन

कैप्टन दीपक सिंह शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया
Latest News

कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र, अदम्य साहस और पराक्रम दिखाते हुए दिया था देश के लिए सर्वोच्च बलिदान

उत्तराखंड में आत्मनिर्भर होती महिलाएं
प्रदेश

उत्तराखंड की महिलाओं के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम, जानें राज्य की अर्थव्यवस्था में कैसे दे रही हैं योगदान?

उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाया जाएगा ऑपरेशन सिंदूर
Latest News

उत्तराखंड में मदरसों में भी गूंजेगी ऑपरेशन सिंदूर की विजय गाथा, पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल  

Latest News

उत्तराखंड के सारी गांव में स्वरोजगार के लगते पंख

उत्तराखंड का ट्रैकिंग हब: जहां गांव बना पर्यटन और रोजगार का केंद्र, पलायन को दी मात

त्रियुगीनारायण मंदिर बन रहा है डेस्टिनेशन वेडिंग की पहली पसंद

त्रियुगीनारायण मंदिर बना युवाओं के लिए डेस्टिनेशन की पहली पसंद, प्राकृतिक और दिव्य वातावरण में लें शादी के सातों वचन

उत्तराखंड में SARRA के तहत 992 जलाशयों को मिला नया जीवन

उत्तराखंड में स्प्रिंग एंड रिवर रिज्युविनेशन अथॉरिटी (SARRA) क्या है, वर्तमान में कैसे दे रही है सूख चुके जल स्रोतों को नया जीवन?

कैप्टन दीपक सिंह शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया

कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र, अदम्य साहस और पराक्रम दिखाते हुए दिया था देश के लिए सर्वोच्च बलिदान

उत्तराखंड में आत्मनिर्भर होती महिलाएं

उत्तराखंड की महिलाओं के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम, जानें राज्य की अर्थव्यवस्था में कैसे दे रही हैं योगदान?

उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाया जाएगा ऑपरेशन सिंदूर

उत्तराखंड में मदरसों में भी गूंजेगी ऑपरेशन सिंदूर की विजय गाथा, पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल  

हेमकुंड साहिब यात्रा से जुड़ी हर एक डीटेल

घांघरिया से हेमकुंड तक: सबसे ऊंचा गुरुद्वारा और कठिन ट्रेक, जानें आत्मा को छू लेने वाले सफर हेमकुंड साहिब से जुड़े जरूरी बिंदु

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ पर उत्तराखंड सरकार सख्त

देहरादून में 6 बांग्लादेशी गिरफ्तार, जानें पिछले वर्षों में कितने घुसपैठियों पर कसा शिकंजा

चमोली के माणा गांव में पुष्कर कुंभ का आयोजन, बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं श्रद्धालु

एक कुंभ ऐसा भी: 12 साल में एक बार लगता है माणा गांव में पुष्कर कुंभ, जानें इसका धार्मिक महत्व और विशेषताएं

बठिंडा आर्मी कैंप पाकिस्तान का जासूस गिरफ्तार

उत्तराखंड से लेकर हरियाणा तक पाकिस्तानी जासूसों की गिरफ्तारी, जानिए देश में इससे पहले कब-कब आए ऐसे मामले

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap

Copyright © uk-dev-bhumi, 2024 - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer
    • Sitemap

Copyright © uk-dev-bhumi, 2024 - All Rights Reserved.