Dehradun: प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार किसानों को परम्परागत खेती के बजाय नकदी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसी क्रम में राज्य कैबिनेट ने बीते दिनों मिलेट्स पॉलिसी, कीवी नीति और ड्रैगन फ्रूट खेती की योजना पर मुहर लगाई है, जिसमें कुल मिलाकर 3 लाख 17 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे. सरकार के अभिनव प्रयास से पलायन जैसी समस्याओं को रोकने में ये योजनाएं कारगर सिद्ध होंगी.
शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने पत्रकारों से बातचीत में पिछले दिनों में मंत्रिमंडल में पास हुई मिलेट्स, कीवी और ड्रैगन फ्रूट नीति को साझा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बारहनाजा मिलेट्स उत्पादन उत्तराखंड की मौलिक पहचान रही है. इसी को देखते हुए सरकार ने मंडुवा, कौणी, झंगोरा जैसे मिलेट्स को पुनः आधुनिक और वैज्ञानिक तौर-तरीकों से उत्पादित करने के लिए उत्तराखंड मिलेट्स पॉलिसी 2025-26 लाई है.
जो 11 पर्वतीय जनपदों में लागू होगी. इसी तरह से उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को फल-पट्टी के रूप में डेवलप करने के लिए कीवी और ड्रैगन फ्रूट्स जैसे आधुनिक फलों के उत्पादन और सेब के उत्पादन को विस्तारित करने के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. उत्तराखंड कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट्स खेती योजना, मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना और सेब की तुड़ाई उपरांत प्रबंधन योजना लाई है. उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से पहाड़ में लोगों को स्थानीय स्तर पर ही स्वरोजगार मिलेगा और पलायन जैसी समस्या की रोकथाम में भी प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से सहायक सिद्ध होगा.
उन्होंने बताया कि उतराखंड स्टेट मिलेट्स पालिसी के तहत राज्य सरकार ने 2030-31 तक 11 पर्वतीय जिलों के लिए कुल 134.89 करोड रुपये की कार्ययोजना पर मुहर लगाई है. इसमें मण्डुवा, झंगोरा, रामदाना, कौणी एवं चीना उत्पादक किसानों को बीज एंव जैव उर्वरक पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, साथ ही कृषको को मिलेट की बुवाई करने पर पंक्ति बुवाई पर 4000 प्रति हेक्टेयर और सीधी बुवाई पर 2000 प्रति हैक्टेयर की प्रोत्साहन धनराशि दी जायेगी.
मिलेट पॉलिसी के तहत प्रत्येक वर्ष विकासखण्ड स्तर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए 02 कृषक/समूह को पुरस्कार किया जायेगा. साथ ही प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर 01 मिलेट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जायेगी. योजना के तहत 03 लाख से अधिक किसानों को लाभ देने का लक्ष्य है. सरकार इसके तहत श्रीअन्न फूड पार्क की स्थापना भी करेगी.
मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड कीवी नीति के तहत वर्ष 2030-31 तक राज्य सरकार कीवी उद्यान स्थापना के लिए कुल लागत 12 लाख प्रति एकड़ का 70 प्रतिशत राजसहायता प्रदान करेगी जिसमें 30 प्रतिशत लाभार्थी का अंश होगा. यह नीति भी हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर को छोड़कर राज्य के शेष 11 जनपदों में लागू होगी. कीवी पालिसी के अन्तर्गत कुल 894 करोड़ की कार्ययोजना तैयार की गई है. नीति के तहत 3500 हेक्टेयर क्षेत्रफल को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है, जिसमें करीब 17500 किसान लाभान्वित होंगे.
अभी राज्य के लगभग 683 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में 382 मैट्रिक टन कीवी का उत्पादन किया जा रहा है. इसी तरह ड्रैगन फ्रूट खेती योजना के उधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, देहरादून, टिहरी में ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन को आधुनिक/वैज्ञानिक पद्यति के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा. योजना के तहत वर्ष 2027-28 तक 15 करोड़ की धनराशि खर्च की जाएगी. इससे 450 किसान लाभांवित होंगे. प्रस्तावित योजना में उद्यान स्थापना के लिए 08 लाख प्रति एकड़ का 80 प्रतिशत राजसहायता का प्राविधान है और शेष 20 प्रतिशत कृषक की ओर से वहन किया जाएगा. वर्तमान में राज्य के लगभग 35 एकड़ क्षेत्रफल में 70 मैट्रिक टन ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जा रहा है.
हिन्दुस्थान समाचार