दिल्ली शराब घोटाले को लेकर जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राहत की खबर सामने आई है. लोकसभा चुनावों के देखते हुए न्यायलय की तरफ अंतरिम जमानत पर आदेश सुनाया गया, जिसके तहत केजरीवाल को 1 जून तक के लिए जमानत दे दी गई है. आदेश के मुताबिक प्रचार करने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी गयी है जिसके बाद 2 जून को उन्हें खुद सिरेंडर करना होगा.
ईडी ने दिया था यह तर्क
कोर्ट के मुताबिक अगस्त, 2022 में ईडी की ईसीआईआर के बाद से 21 मार्च, 2024 तक केजरीवाल बाहर थे. उन्हें हाई कोर्ट से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए ईडी की तरफ स कहा गया कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक है, न ही संवैधानिक अधिकार. यहां तक कि ये कानूनी अधिकार की गिनती में नहीं आता है. सुप्रीम कोर्ट 2017 में चुनाव आयोग बनाम मुख्तार अंसारी के मामले में ये फैसला दिया जा चुका है.
वहीं इसी बीच सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि जब आबकारी नीति से जुड़े घोटाले की जांच शुरू हुई थी, तब केजरीवाल की भूमिका की जांच नहीं हो रही थी. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी सामने की तस्वीर साफ होती चली गई. जस्टिस खन्ना ने कहा था कि यह एक असाधारण स्थिति है.देश में चुनाव चल रहा है और एक मुख्यमंत्री जेल में है. यह सामान्य मामला नहीं बताया जा सकता जस्टिस खन्ना ने कहा था कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई इसलिए नहीं कर रहे क्योकि केजरीवाल राजनेता हैं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुछ विशेष और असाधारण परिस्थिति हो सकती है. हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि केजरीवाल के लिए चुनाव ऐसी असाधारण स्थिति है क्या.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 15 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था. केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी है. इससे पहले 9 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी.