Rudraprayag: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे तीर्थ यात्रियों के सिर बाबा केदार की भक्ति में कम लेकिन रील्स बनाने और फोटो खिंचवाने के लिये अधिक झुक रहे हैं. मंदिर के आगे मत्था टेकने वाले भक्त बहुत कम दिखाई देंगे लेकिन रील्स फोटो खिंचवाने वाले भक्तों की संख्या हजारों में है. केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने भी इस प्रकार की भक्ति पर कई सवाल खड़े किये हैं और इस दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही है.
केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख ज्योतिर्लिंग है. छह माह कपाट खुलने पर यहां हजारों की संख्या में भक्त आते हैं. वर्ष 2013 की आपदा के बाद से यहां सच्ची आस्था से आने वाले भक्तों की संख्या कम हुई है, लेकिन रील्स बनाने और फोटो खिंचवाने वाले भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. बाबा केदार के मुख्य मंदिर से लेकर पैदल मार्ग पर जगह-जगह रील्स बन रही है. यहां यू-टयूबर के अलावा कपल भी रील्स बनाने में पीछे नहीं हैं. पिछले यात्रा सीजन के दौरान कई प्रकार की रील्स वायरल हुई थी.
एक वायरल रील्स में लड़की द्वारा लड़के प्रपोज करना भी शामिल था. हालांकि इस रील्स के वायरल होने के बाद मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया था. रील्स वायरल होने के बाद मंदिर समिति ने रील्स न बनाने वाले और मर्यादित कपड़े पहनने वाले बोल्ड लगाये थे, लेकिन इस बार ये बोल्ड भी गायब हैं और रील्स बनाने वाले भक्तों की भरमार है. मंदिर के आगे भक्त बहुत कम संख्या में हाथ जोड़े खड़े हैं, लेकिन रील्स बनाने के लिये सभी के हाथों में मोबाइल और कैमरा हैं. आपदा से पहले केदारनाथ धाम की यात्रा पर अधिकांश बुजुर्ग भक्त आते थे, लेकिन आपदा के बाद यहां लोग भक्ति से कम और पर्यटन की दृष्टि से अधिक आने लगे हैं.
केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि लाखों भक्तों ने चारधाम यात्रा के लिये रजिस्ट्रेशन करवाया है लेकिन वर्तमान में यात्रा तीर्थाटन के बजाय पर्यटन का रूप धारण कर रही है. यात्रा को लेकर पौराणिक परंपराएं समाप्त हो रही हैं. मंदिर समिति, सरकार और तीर्थ पुरोहितों को तीर्थाटन पर ध्यान देना चाहिये. यहां की परंपराओं का ध्यान रखना चाहिये. यात्री सिगरेट लेकर दर्शनों को जा रहे हैं, जोकि गलत है. सभी को तीर्थ की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिये.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार