उत्तराखंड सरकार की तरफ से हाल ही में जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ कर दिया है, इस फैसले का स्वागत करते हुए मठ के संतों के साथ आम लोगों ने भी मिठाइयां बाटकर खुशी जताई है. इस इस जगह का नाम बदलने की मांग पहले से भी उठती आई है जोकि अब हो जाने से लोग काफी खुश दिखाई दिए.
बता दें कि इससे पहले भी कई बार कई बार ज्योतिर्मठ के शंकराचार्यों और आम ग्रमीणों की तरफ से इसके नाम को बदलने की मांग उठती हुई आई है. इसे लेकर कई बार सरकार की तरफ से भी मांग की जा चुकी है. यह पावन भूमि उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है जहां कई योगी निवास करते हैं, पिछले लंबे समय से भूस्खलन को लेकर यह चर्चाओं में बनी हुई थी.
ज्योतिर्मठ का धार्मिक और पौराणिक महत्व
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ स्थित जोशीमठ जिसका नाम अब जोशीमठ कर दिया गया है. इसका अपना ही धार्मिक और पौराणिक महत्व है. इसी भूमि पर आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी. इसके इतिहास पर नजर डालें तो ऐसी मान्यता है कि 8वीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य को यहीं कल्पवृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था. इस दिव्य ज्ञान की ज्योति बड़ी ही आलौकिक थी, साथ ही यहां पर ज्योतेश्वर महादेव होने की वजह इस जगह को ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाने लगा जोकि बाद में बदलकर जोशीमठ हो गया था. एक समय ऐसा आया कि ज्योतिर्मठ नाम बिल्कुल गायब हो गया .
उत्तराखंड की धामी सरकार की तरफ से जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ दोबारा कर दिया गया है. इस फैसले से संत समुदाय और आम लोग काफी खुश भी हैं.