देहरादून: पिछले तीन सालों में धामी सरकार भ्रष्टाचारियों को लेकर एक्शन मोड पर रही है. उनके कार्यकाल के दौरान आठ अफसर और 55 कर्मचारियों पर कड़ी करवाई की गयी है.उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को सबक सीखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
इस सब के बावजूद भी विपक्ष के नेताओं ने धामी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार के इस आकड़े को बेबुनियाद बताया है. करन माहरा ने अपने कार्यकाल की प्रशंसा करते हुआ कहा कि कांग्रेस की सत्ता में भ्रष्टाचार जैसे अपराध नहीं होते थे.उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान जिस भी मंत्रीमंडल के साथियों के नाम सामने आते थे तो उनपर उसी समय करवाई और जैल में डाला जाता था. ऐसा भी हुआ है की कांग्रेस सरकार ने अपने पार्टी के बड़े व दिग्ग्गज नेताओं और सहयोगी दलों के मंत्रियों पर भी करवाई की है.
भाजपा पर सिकंजा कसते हुए करन माहरा ने महिला पहलवानों के साथ हुए यौन उत्पीड़न में शामिल एक सांसद पर सख्त करवाई न करने का आरोप लगाया गया है.
उसी तरह अंकिता भंडारी मर्डर कैस UKSSSC भर्ती घोटाले में भी भाजपा सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया . उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में सबकुछ हिला हुआ है. प्रदेश के वनाग्नि के मामलों पर भले ही सरकार ने DFO के खिलाफ करवाई की थी, लेकिन वनाग्नि को रोकने वाले आपदा प्रबंधन के अधिकारीयों पर कोई कारवाई नहीं की गयी है.
धामी सरकार के कुछ अधिकारीयों को निशाने पर रखते हुए करन माहरा का कहना है कि 2 -3 राज्य अधिकारी ऐसे है जो ग्रुप बनाकर उत्तराखंड कैडर और उत्तर प्रदेश के आसपास के रहने वाले अधिकारों को दर किनार कर रहे है. उन्होंने चुनौती पूर्ण तरीके से अपनी सत्ता आने का विश्वास दिलाया है व विपक्ष से हिसाब किताब करने की बात कही है, क्योंकि सत्ताएं आती और जाती रहती है.
भाजपा विधायक विनोद चमोली ने करन माहरा के बयान पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल की निंदा कर कांग्रेस के नेता व अधिकारीयों पर मिलकर प्रदेश में भ्रष्टाचार करने का इल्जाम लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सत्ता के समय भ्रष्टाचारियों का पता लगाना मुश्किल था,क्योंकि वह नेताओं के इशारों पर भ्रष्टाचार कर रहे थे. जबकि भाजपा के कार्यकाल के समय भ्रष्टाचारियों को आइडेंटिफाई करना आसान है और उन्हें जेल की सलाकों के पीछे भी किया जा रहा है. विनोद चमोली का कहना है कि उस समय कांग्रेस पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त थी और भ्रष्ट अधिकारी नेताओं के माध्यम से भ्रष्टाचार को गति देते थे.