नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को आज उनके 75 वें जन्मदिवस पर बधाई दी है. एक्स पर बधाई संदेश पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा – ‘वेंकैया नायडू गारू को उनके 75वें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. मैं उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं. इस विशेष अवसर पर मैंने उनके जीवन, सेवा भाव और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण पर अपने कुछ विचार साझा किए हैं.’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी वेबसाइट नरेन्द्र मोदी डॉट इन पर करीब 1500 शब्दों में पूर्व राष्ट्रपति के साथ अपनी जीवन यात्रा को साझा किया है. इसमें प्रधानमंत्री ने लिखा कि वेंकैया जी का 75वां जन्मदिवस एक विशाल व्यक्तित्व की व्यापक उपलब्धियों को समेटे हुए है. उनका जीवन सेवा, समर्पण और संवेदनशीलता की ऐसी यात्रा है, जिसके बारे में सभी देशवासियों को जानना चाहिए. राजनीति में अपने प्रारम्भिक दिनों से लेकर उपराष्ट्रपति जैसे शीर्ष पद तक उन्होंने भारतीय राजनीति की जटिलताओं को जितनी सरलता और विनम्रता से पार किया, वो अपने आपमें एक उदाहरण है. उनकी वाकपटुता, हाजिरजवाबी और विकास से जुड़े मुद्दों के प्रति उनकी सक्रियता के कारण उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर हर पार्टी में सम्मान मिला है.
प्रधानमंत्री ने लिखा कि वेंकैया गारू (तेलुगू में गारू बड़े भाई या सम्मान के लिए प्रयोग किया जाता है) और मैं दशकों से एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं. हमने लंबे समय तक अलग-अलग दायित्वों को संभालते हुए साथ काम किया है, और मैंने हर भूमिका में उनसे बहुत कुछ सीखा है. मैंने देखा है, जीवन के हर पड़ाव पर आम लोगों के प्रति उनका स्नेह और प्रेम कभी नहीं बदला.
प्रधानमंत्री ने लिखा है कि वेंकैया गारू की वाकपटुता, शब्दशैली और संगठन सामर्थ्य से प्रभावित होकर NTR जैसे दिग्गज ने उनकी प्रतिभा को पहचाना. NTR उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते थे, लेकिन वेंकैया गारू हमेशा की तरह अपनी मूल विचारधारा पर अडिग रहे. उन्होंने आंध्र प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई, गांवों में जाकर सभी क्षेत्रों के लोगों से जुड़े. उन्होंने विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व किया और आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी बने.
1990 के दशक में केन्द्रीय संगठन में वेंकैया नायडू के आने से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने और अटल जी की सरकार में मंत्री और 2014 में मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्री तक के लंबे सफर को एक स्वर्णिम काल बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि वर्ष 2017 में, हमारे गठबंधन ने उन्हें हमारे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया. ये हमारे लिए एक कठिन और दुविधा से भरा निर्णय था. हम ये जानते थे कि वेंकैया गारू के स्थान को भरना बेहद कठिन होगा. लेकिन साथ ही, हमें ये भी पता था कि उपराष्ट्रपति पद के लिए उनसे बेहतर कोई और उम्मीदवार नहीं है. उपराष्ट्रपति बनने पर उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए जिससे इस पद की गरिमा और भी बढ़ी. वह राज्यसभा के एक उत्कृष्ट सभापति थे, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि युवा सांसदों, महिला सांसदों और पहली बार चुने गए सांसदों को बोलने का अवसर मिले. उन्होंने सदन में उपस्थिति पर बहुत जोर दिया, समितियों को अधिक प्रभावी बनाया. उन्होंने सदन में बहस के स्तर को भी ऊंचा उठाया. जब अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को हटाने का निर्णय राज्यसभा के पटल पर रखा गया, तो वेंकैया गारू ही सभापति थे. मुझे यकीन है कि यह उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था. वह युवा जिसने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक विधान, एक निशान, एक प्रधान के संकल्प के लिए अपना जीवन समर्पित किया था, जब वह सपना पूरा हुआ तो वह सभापति के पद पर आसीन था. किसी निष्ठावान देशभक्त के जीवन में इससे बड़ा समय और क्या होगा!
प्रधानमंत्री ने लिखा कि उपराष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी, वेंकैया गारू सार्वजनिक जीवन में बेहद सक्रिय हैं. वह लगातार देश के लिए जरूरी मुद्दों और विकास कार्यों को मुझसे बात करते रहते हैं. मुझे आशा है कि युवा कार्यकर्ता, निर्वाचित प्रतिनिधि और सेवा करने का जुनून रखने वाले सभी लोग उनके जीवन से सीख लेंगे और उन मूल्यों को अपनाएंगे. यह वेंकैया गारू जैसे लोग ही हैं जो हमारे राष्ट्र को बेहतर और अधिक जीवंत बनाते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार