बारिश से जहाँ एक तरफ लोगो के चहेरे खिल गए वहीं दूसरी तरफ पूर्वोत्तर के असम और अरुणाचल में लोगो को झेलनी पड़ रही है बारिश की भरी मार. पिछले एक माह से बाढ़ से पीड़ित यहाँ के लोग अस्थायी कैंपों में रह रहे हैं. इन प्रदेशों में स्थिति दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. यहाँ अब तक 60 से अधिक लोगों अपनी जान गवां चुके हैं और 3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
जिला मजिस्ट्रेट के वाहनों के लिए निर्देश
भरी बारिश के चलते कई जानवर फंसे हुए हैं और इस वजह से वाहनों से चोट व मौत होने की भी संभावना बढ़ गयी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए जिला मजिस्ट्रेट, कालीबोर ने वाहनों के लिए आदेश दिए हैं. उन्होंने सभी तरह के वाहनों को NH 715 ( पुराने NH 37 ) के खंड पर 20 या 40 km प्रति घंटे से अधिक गति से चलने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए गौलाघाट के SP ने वहां के लिए आदेश जारी किये हैं. जिसमे कहा गया है की सभी यात्री वाहन, निजी और व्यवसायिक दोनों, को हर घंटे में पुलिस और बल के कर्मचारियों द्वारा संचालित के जाने वाली सख्ती से नियंत्रित गति से चलने की अनुमति दी जाएगी. पायलट वाहन बागोरी बॉर्डर और पनबारी में तैनात रहेंगे.
असम के बढ़ते जलस्तर की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक पानी में डूब गए हैं. वहीँ भारत- चीन सीमा पर भी कई इलाके का सड़क से संपर्क टूट गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 12 से बढ़कर 19 हो गई है. ईटानगर ने भरी बारिश की स्थिति लगातार बनी रहने के कारण 2 जुलाई से 6 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.
कुरुंग नदी पर बना पुल बहा
बाढ़ में पूर्वी कामेंग जिले में कुरुंग नदी पर बना पुल बह गया. इतना ही नहीं कई घर भी इसकी चपेट में आ गए. असम में अभी तक 8 हज़ार लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. दूसरी ही ओर तिनसुकिया जिले में अभी तक सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत का अंकड़ा सामने आया है.रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा वन्य जिव अभयारण्य के ज्यादातर हिस्से जलमग्न हो गए हैं, और बड़ी संख्या में जानवर ऊँचे स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 715 पर करके पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के दक्षिणी हिस्से की ओर जा रहे हैं. हालांकि, इस गंभीर परिस्थिति के चलते किसी भी जानवर की मौत की खबर सामने नहीं आयी है.
असम में नदियों का स्तर खतरे के निशान से ऊपर आ गया है.
असम में बारिश के भूचाल के चलते, राज्य में 19 जिलों से 6 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. जबकि बारिश से संबंधित घटनाओं में 45 लोगों की मौत हो गई है.ऐसा बतया जा रहा है कि , कम से कम आठ नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसमे ब्रम्हपुत्र नदी जोरहाट जिले के नेमीघाट में अपने सबसे ऊँचे बाढ़ स्तर को पार कर गयी है और स्थानीय वासवत वाले हिस्सों के लिए एक विकराल रूप ले चुकी है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के बुलेटिन में कहा गया है कि NDRF, SDRF, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और स्थानीय प्रशासन सहित कई एजेंसियां बचाव अभियान में लगी हुई हैं.
प्रदेश के कामरूप, गोलाघाट, माजुली, लखीमपुर, करीमगंज, कछार, धेमाजी, मोरीगांव, उदलगुड़ी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, नागांव, शिवसागर, दारंग, नलबाड़ी, सोनितपुर, तामुलपुर, विश्वनाथ और जोरहाट बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिसके चलते कुल 6,44,128 लोग बढ़ से प्रभावित हुए हैं.