देहरादून: राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है. इन तीन सालों में धामी सरकार ने UCC, भ्रष्टाचार, धर्मांतरण और नकल विरोधी कानून सहित कई बड़े निर्णयों को लेकर देशभर में खूब सुर्खियां बटोरीं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि देवभूमि उत्तराखंड के आमजन के हितों के लिए विकास कार्य आगे भी होते रहेंगे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में लिखा है कि, ‘आप सभी के स्नेह, समर्थन और आशीर्वाद से मुख्यसेवक के रूप में आज तीन वर्ष पूर्ण हुए हैं. जन-जन की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप इन वर्षों में देवभूमि उत्तराखण्ड के विकास और जनकल्याण के लिए निरंतर समर्पित होकर कार्य किया है और आगे भी इसी प्रकार प्रदेशवासियों के सर्वांगीण और सर्वस्पर्शी विकास के लिए कार्य करता रहूंगा.’
उन्होंने आगे लिखा है कि, ‘एक ओर जहां तुष्टीकरण, लैंड जिहाद और जबरन धर्मान्तरण के विरुद्ध सरकार ने सख्त कार्रवाई की, वहीं राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़े हैं. साथ ही भ्रष्टाचार, नकल माफिया और दंगाइयों पर नकेल कसकर प्रदेशवासियों के भविष्य को भी सुरक्षित किया है.’
मुख्यमंत्री ने लिखा कि,’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज उत्तराखण्ड विकास और प्रगति के नए सोपान गढ़ रहा है. सुशासन के मार्ग पर चलते हुए उन्नति और समृद्धि की यह धारा निरंतर बहती रहे, इसके लिए पूर्ण मनोयोग से कार्य कर रहा हूं. आइए हम सभी मिलकर सशक्त, आत्मनिर्भर और विकसित उत्तराखण्ड के निर्माण में सहभागी बनें. प्रदेशवासियों को एक बार पुनः कोटि-कोटि आभार.”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 4 जुलाई 2021 को बतौर मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान संभाली थी. उत्तराखंड में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा एक बार फिर पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार सरकार बना कर एक मिथक को तोड़ा. इस चुनाव में पुष्कर सिंह धामी विधानसभा खटीमा से चुनाव हार गए थे. इसके बाद भी पार्टी आलाकमान ने धामी पर विश्वास जताकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. 23 मार्च 2022 को पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी बार 12 वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद जून 2022 के उपचुनाव में धामी ने चंपावत विधानसभा से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की. धामी सरकार के तीन वर्ष में कई बड़े फैसले चर्चा में रहे. इसमें सबसे अहम फैसले पूर्व की त्रिवेंद्र सरकार में बने चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड फैसले को भंग करना और सख्त धर्मांतरण कानून लागू करना सबसे अधिक चर्चा में रहा.
हिन्दुस्थान समाचार