Dehradun: उत्तराखंड सरकार राज्य में अग्निवीरों के सुरक्षित भविष्य को लेकर उन्हें नियोजित करने का ठोस कार्यक्रम तैयार करने जा रही है. इसमें सेना में अग्निवीरों के चार साल पूरा करने वाले जवानों को पुलिस व अन्य सरकारी विभागों में भर्ती होने के लिए कोटा देने का प्रस्ताव शामिल है. इसके अलावा राज्य में कौशल प्रशिक्षण योजना के जरिए रिटायर्ड अग्निवीरों को कई क्षेत्रों में रोजगार सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा. मुख्यमंत्री की ओर से इस सम्बंध में जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्ताव भी लाया जा सकता है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैनाल रोड पर आयोजित कार्यक्रम के उपरांत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में अग्निवीरों के समायोजन की बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरी के बाद वापस आने वाले अग्निवीर अपने सुरक्षित भविष्य को लेकर आशंकित न रहें इसके लिए ठोस योजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. इस दिशा में हमारी सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है. यहां के युवा बड़े पैमाने पर भारतीय सेना में भर्ती होते हैं. लिहाजा, सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर्ड जवानों को नियोजित करने में राज्य सरकार अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं रखेगी. सरकार चाहती है कि सेना में 4 साल पूरे होने के बाद भी अग्निवीरों को राज्य में नौकरी व रोजगार के भरपूर अवसर मिलें. रिटायर्ड अग्निवीरों का राज्य की सेवा में भरपूर उपयोग किया जाएगा ताकि उनके नियोजित होने के साथ ही वे भी राज्य के विकास में सहभागी बन सकें. सैनिक कल्याण विभाग इस सम्बंध में प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खुद एक सैनिक परिवार में पैदा हुआ हूं. जब देश में यह योजना आई थी, उस समय भी हमने राज्य के बहुत सारे सैनिक अफसरों, सेना के लोगों के साथ, जवानों के साथ, जो सेना में अपना पूरा जीवन लगाकर आए हैं, सबके साथ हमने बैठक की थी और मैंने जून 2022 को तभी कहा था कि पुलिस समेत जितने भी हमारे राज्य के अंदर काम करने वाले विभाग हैं, जिन-जिन विभागों में देश सेवा के बाद जो अग्निवीर आएंगे हम उनको विभागों में समायोजित करेंगे, उनको प्राथमिकता देंगे.
धामी ने कहा कि अगर अग्निवीरों के लिए आरक्षण का प्रावधान करना होगा तो मंत्रिमंडल में निर्णय करके हम आरक्षण का प्रावधान करेंगे और अगर कोई एक्ट वगैरह बनाना होगा तो वह भी हम विधानसभा में जरूर लेकर आएंगे.
हिन्दुस्थान समाचार