नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय का कहना है कि बिहार को राष्ट्रीय विकास परिषद (NTC) के मानदंड के अनुरूप फिलहाल विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है.
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि अब तक राष्ट्रीय विकास परिषद की ओर से तय किए गए मानदंडों के आधार पर कुछ राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है. मानदंडों में ऊंचाई और दुर्गम परिस्थिति, कम घनत्व और ज्यादातर जनजातीय आबादी, पड़ोसी देशों के साथ लगती रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र, आर्थिक और ढांचागत रूप से पिछड़ा क्षेत्र और अपने स्तर पर वित्तपोषण में अक्षम होना शामिल है. इन सभी मानदंडों को समग्र रूप से देखने के बाद किसी राज्य की स्थिति का आकलन कर किया जाता है.
इन श्रेणी वाले राज्यों को दिया गया विशेष दर्जा
इनमें पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और बुनियादी ढांचे का पिछड़ापन और राज्य के वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर विचार किया गया था. एक अंतर मंत्रालय समूह ने इस संबंध में 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. इस समूह ने पाया था कि NTC के मानदंडों के अनुरूप बिहार का विशेष राज्य का दर्जा नहीं बनता.
हिन्दुस्थान समाचार