कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी टिप्पणी पर रिपोर्ट मांगी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे हिंसा-प्रभावित बांग्लादेश के लोगों को “आश्रय” देंगी. यह जानकारी राजभवन ने मंगलवार को दी है.
राजभवन मीडिया सेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बाहरी मामलों को संभालने का अधिकार केंद्र सरकार का है. उन्होंने लिखा, “किसी विदेशी देश से आने वाले लोगों को शरण देने का मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है. एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की सार्वजनिक घोषणा करना कि वे विदेशी नागरिकों को आश्रय देने की जिम्मेदारी ले रही हैं, संविधान के गंभीर उल्लंघन का संकेत देता है.’
HG has sought a report under Article 167 on the reported comment made by Chief Minister publicly on 21.07.2024:
“…But I can tell you this, if helpless people come knocking on the doors of Bengal, we will surely provide them shelter.”
Close on its heels came Government of India’s…— Raj Bhavan Media Cell (@BengalGovernor) July 22, 2024
इसके बाद पोस्ट में आगे लिखा, इस स्थिति में, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत एक व्यापक रिपोर्ट देने को कहा है कि इस तरह की सार्वजनिक घोषणा किस आधार पर की गई है? राज्यपाल ने कहा है कि बिना केंद्र की स्वीकृति के मुख्यमंत्री ने ऐसी टिप्पणी क्यों की? उन्होंने यह भी कहा है कि यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं कि देश में इस तरह के घुसपैठ से बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सामान्य जीवन प्रभावित न हो और राज्य के जनसांख्यिकीय संतुलन पर कोई असर न पड़े.
हिन्दुस्थान समाचार