नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को सांस्कृतिक संपत्तियों की बहाली एवं सुरक्षा तथा चुराई गई भारतीय पुरावशेषों की तस्करी को रोकने के लिए पहली बार द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए. यहां भारत मंडपम में आयोजित 46वें विश्व धरोहर समिति की बैठक में आयोजित समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर के अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सचिव गोविंद मोहन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी उपस्थित थे.
इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह समझौता एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा हमारी कलाकृतियों और सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने के लिए अपनाए गए सक्रिय दृष्टिकोण को उजागर करती है।.उन्होंने कहा कि आज का दिन इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा. हम भारतीय धरोहर की सुरक्षा और हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को घर वापस लाने की दिशा में महत्वपूर्ण समझौता कर रहे हैं.
Bharat & USA today signed a first ever bilateral agreement for restitution & protection of cultural properties and to prevent illicit trafficking of stolen Indian antiquities.
During @PMOIndia visit to the US in 2023, as many as 262 antiquities were returned to Bharat.
This… pic.twitter.com/wYEH38yjNR
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 26, 2024
भारत और अमेरिका ने आज सांस्कृतिक संपत्तियों की बहाली और सुरक्षा तथा चुराई गई भारतीय पुरावशेषों की तस्करी को रोकने के लिए पहले द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए. पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के बाद से वहां से 262 पुरावशेष भारत लाए गए हैं. भारत सरकार के लिए विरासत के संरक्षण का काम प्राथमिकताओं में से एक है. आने वाले समय में अमेरिका से 297 पुरावशेष लाए जाएंगे.
इस मौके पर भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत एक शानदार देश है. मानव संस्कृति को समझने के लिए भारत की संस्कृति को समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह समझौता न्याय के बारे में है. बौद्धिक संपदा के संरक्षण के बारे में है. इस मौके पर संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण दिन है. आज दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच समझौता हुआ है. यह बड़ा दिन है, दोनों देशों के बीच समझौता होने से पुरावशेषों की तस्करी को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
हिन्दुस्थान समाचार