नई दिल्ली: मनु भाकर ने अपना नाम स्वर्णिम इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज करा लिया है. वो ओलंपिक खेल में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली भारतीय महिला बन गईं, जब उन्होंने पेरिस ओलंपिक में दक्षिण कोरिया को 16-10 से हराकर 10 मीटर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ कांस्य पदक जीता.
मनु भाकर को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल में भी भारत की तरफ से मुकाबले में उतरना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है, इस इवेंट के मुकाबले 2 अगस्त से शुरू होने हैं. साथ ही यह उम्मीद भी जताई जा रही है कि वो आगे हेट्रिक लगाते हुए गोल्ड भी ला सकती हैं.
उन्होंने इससे पहले 2024 पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत का खाता खोला था. मनु भाकर से पहले नॉर्मन प्रिचर्ड ने 1900 के ओलंपिक खेल में एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीते थे. हालांकि तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था. जबकि मनु ओलंपिक खेल में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं हैं.
कौन हैं मनु भाकर?
बता दें कि साल 2016 में कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था जिसके बाद वो लगातार आगे बढ़ती रहीं. मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वाली है वो स्पोर्ट्स के साथ पढ़ाई पर भी फोकस करती है. साथ ही अंर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने 14 साल की छोटी सी उम्र से ही निशानेबाजी में अपना हाथ आजमाना शुरू कर दिया था.
प्रिचर्ड के बाद (आज से पहले) कोई भी भारतीय एथलीट एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने में कामयाब नहीं हुआ था. वैसे कुछ भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने अपने करियर में ओलंपिक खेलों में दो पदक जरूर जीते हैं. इनमें सुशील कुमार (कुश्ती) और पीवी सिंधू (बैडमिंटन) शामिल हैं.
सुशील कुमार ने लंदन 2012 में रजत पदक और उससे पहले बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य पदक जीता था. इसी प्रकार बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधू ने रियो ओलंपिक में रजत पदक और टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता था.
हिन्दुस्थान समाचार