नई दिल्ली: कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आज विधानसभा में बड़ा विधेयक पास हो चुका है. बता दें कि विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही के दौरान एंटी रेप विधेयक पेश किया गया. इसका नाम ‘अपराजिता’ रखा गया है.
बता दें कि अपराजिता विधेयक का मुख्य उद्देश्य रेप पीड़ितों के दोषियों को त्वरित सुनवाई कर उन्हें कम समय में सख्त से सख्त सजा देना है. इस विधेयक के अंतर्गत 10 दिनों के भीतर मृत्युदंड (फांसी) की सजा को पुख्ता करने का प्रस्ताव दिया गया है. इस विधेयक का नाम अपराजिता वीमेन एण्ड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल अपराधिक कानून व संशोधन) बिल दिया गया है.
इसका सीधा सा उद्देश्य रेप जैसे गंभीर मामलों में आरोपियों को जल्द से जल्द सजा तक पहुचाना है.
बता दें पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए इस विधेयक काे बीजेपी के विधायकों ने भी समर्थन किया है, जिसे सदन से पास होने के बाद अब राज्यपाल के पास आगे की कार्रवाही के लिए भेज दिया जाएगा.
- बता दें पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश हुए इस विधेयक का समर्थन बीजेपी के विधायक भी करेंगे, जिसे सदन से पास होने के बाद राज्यपाल के पास आगे की कार्रवाही के लिए भेज दिया जाएगा.
- इस संशोधन के जरीए महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने वालों के लिए लॉ को टाइट कर दिया है. इससे यौन अपराधों को संज्ञेय और गैर जमानती बना दिया गया है.
- ऐसे अपराधों में पुलिस बिना किसी वारंट के भी अपराधी को गिरफ्तार कर सकती है. साथ ही उसे आसानी से जमानत नहीं मिल पाएगी.
- ममता सरकार के नए बिल में भारतीय न्याय संहिता के तहत उन धाराओं में संशोधन को पास किया गया है जिसमें बीएनएस की सजा के बारे में बताया गया है. इसमें धार 64, 66, 68, 70, 72, 72, 73, और 74 में संशोधन किया गया है.
- इसमें बीएनएस की धारा 193, 346 की धाराओं और पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 8, 10 और 35 में संशोधन किया गया है.