Jammu Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पलौड़ा टाप में जनसभा को संबोधित करते हुए विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद राष्ट्रीय ध्वज और संविधान के तहत यह पहला चुनाव है. शाह ने लोगों से कहा कि यह संयोग है कि भाजपा की पहली चुनावी रैली गणेश चतुर्थी के दिन शुरू हो रही है. आगामी चुनाव ऐतिहासिक चुनाव है. देश की आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता तिरंगे के नीचे अपना वोट डालेंगे.
उन्होंने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पर पुरानी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार आतंकवाद, स्वायत्तता और गुज्जर, पहाड़ी, बकरवाल और दलितों सहित किसी भी समुदाय के साथ अन्याय की अनुमति नहीं देगी, जिन्हें भाजपा सरकार द्वारा आरक्षण दिया गया था.
अमित शाह ने कहा कि मैं राहुल गांधी से एक बात कहना चाहता हूं कि आप चाहे जितनी कोशिश कर लें हम गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और दलितों के आरक्षण को छूने नहीं देंगे और जब तक शांति नहीं होगी पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी.
रैली में अमित शाह ने कहा कि आने वाला चुनाव एक ऐतिहासिक चुनाव है. जब से देश आजाद हुआ है पहली बार जम्मू कश्मीर का मतदाता दो झंडे नहीं, एक तिरंगे के नीचे अपना मतदान करेगा. पहली बार दो संविधान नहीं भारत के संविधान (जिसको बाबा साहेब अंबेडकर ने बनाया) के अंतर्गत मतदान होने जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने घर-घर जाकर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस विभाजनकारी एजेंडे के प्रति लोगों को जागरूक किया है. मैंने एक प्रेस वार्ता कर नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे को उजागर किया था लेकिन आज मैं आप सब के सामने आया हूं, क्योंकि मैं मीडिया से ज्यादा भरोसा आप पर करता हूं, क्योंकि मैं भी आप में से एक हूं और मैं भी बूथ अध्यक्ष रहा हूं.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने से 70 साल के बाद जम्मू कश्मीर की माताओं-बहनों को अधिकार मिला है. नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी ये अधिकार छीनना चाहती है लेकिन मुझे पता है कि आप ये अधिकार नहीं छीनने देंगे. नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस पार्टी पत्थरबाजी व आतंकवाद में लिप्त लोगों को जेल से छोड़ना चाहती है ताकि जम्मू, पुंछ, राजौरी जैसे क्षेत्र जहां शांति है, वहां फिर से आतंकवाद आए. क्या आप इन क्षेत्रों में आतंकवाद को फिर से आने दोगे?
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान होगा. पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होना है, जबकि अन्य दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.
हिन्दुस्थान समाचार