Monkeypox: मंकीपॉक्स का खतरा दुनिया भर में बढ़ता ही जा रहा है, कई देशों में इसने तबाही मचाई हुई है. भारत में भी Mpox ने दस्तक दे दी है. दरअसल, 8 सितंबर को देश में इस घातक बीमारी का पहला मामला सामने आया. जिसके बाद मरीज को क्वारंटाइन कर दिया गया था. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एडवाइजरी जारी कर दी थी. इस संक्रामक रोग के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स वायरस के इलाज के लिए वैक्सीनेशन के टीके को पहली मंजूरी दे दी है. बता दें कि मंकीपॉक्स को हम एमपॉक्स (Mpox) से भी जानते हैं.
WHO ने कल शुक्रवार को मवीए-बीएन वैक्सीन (MVA-BN vaccine) को Mpox के खिलाफ पहली वैक्सीन की घोषणा कर दी है. जिसे इसकी प्रीक्वालिफिकेशन सूची में जोड़ा गया है. इस वैक्सीन को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि वैक्सीन की आम लोगों की पहुंच में सुधार होने की उम्मीद है, खासकर उन समुदायों के बीच जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है.
18 साल से अधिक उम्र वाले ही लगवा सकते वैक्सीन
बताया जा रहा है कि एमवीए-बीएन वैक्सीन को केवल 18 साल से ज्यादा के उम्र वाले लोग ही लगवा सकते हैं. हालांकि WHO ने बच्चों गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए वैक्सीन को तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बताया, “अफ्रीका में मौजूदा प्रकोपों और भविष्य के संदर्भ में, एमपॉक्स के खिलाफ़ वैक्सीन की यह पहली प्रीक्वालिफिकेशन बीमारी के खिलाफ़ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
उन्होंने समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वैक्सीन की खरीद, दान और वितरण को फौरन बढ़ाने को कहा. आगे महानिदेशक ने कहा, “अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरणों के साथ-साथ, यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने, संचरण को रोकने और जीवन बचाने में मदद करेगी.”
डब्ल्यूएचओ के सहायक महानिदेशक डॉ. युकिको नाकातानी ने कहा,’एमपॉक्स के खिलाफ टीके की मंजूरी अफ्रीका में मौजूदा प्रकोप और भविष्य दोनों के संदर्भ में, बीमारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है. सभी को टीके की खुराक सुनिश्चित करने के लिए खरीद, दान और वितरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया.संक्रमण को रोकने, संचरण को रोकने और जीवन बचाने के लिए अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरणों की भी तत्काल आवश्यकता है. लोगों की तुरंत मदद करने के लिए सरकारों और गैवी और यूनिसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा एमपॉक्स वैक्सीन की चल रही खरीद में तेजी आएगी.’
आंकड़ों के अनुसार एक्सपोजर से पहले दी गई सिंगल डोज एमवीए-बीएन वैक्सीन लोगों को मंकीपॉक्स से बचाने में अनुमानित 76 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि 2 खुराक अनुमानित 82 प्रतिशत प्रभावी है. MVA-BN वैक्सीन को अफ्रिका, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, यूरोपीय संघ और UK में मंजूरी दे दी गई है.
हिंदुस्थान समाचार