नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी में लड्डुओं में मिलावट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इससे जहां एक तरफ हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची है तो वहीं उनमें आक्रोश भी नजर आ रहा है. इसके बाद उत्तराखंड सराकर भी एक्शन मोड़ में आ गी है और बड़ा निर्णय लेते हुए प्रदेश के चारधाम समेत सभी प्रसिद्ध मंदिरों में प्रसाद की टेस्टिंग के आदेश दिये हैं. खबरों की मानें तो अब केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में मिलने वाले प्रसाद का भी लैब टेस्ट किया जाएगा.
हाल ही में उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि चारधाम के अलावा बाकी प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद की लैब टेस्टिंग की जाएगी. यह फैसला मंदिर से पवित्रता को बनाए रखने के लिया गया है जिसका सीधा उद्देश्य भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद में किसी भी तरह की मिलावट न होने की पुष्टि करने के लिए लिया गया है. इसमें प्रसाद को लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा और इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि मंदिर परिसर में बनने वाले प्रसाद की सामग्रियों में किसी भी प्रकार की मिलावट न हो. इसे बनाए रखने के लिए समय-समय पर टेस्टिंग की जाएगी.
साथ ही सतपाल महाराज की तरफ से बताया गया कि प्रसाद की लैब टेस्टिंग के निर्देश पहले से ही दे दिए गए थे. साथ ही आगे इसके बनने के दौरान ठीक से मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाएगी. उनकी तरफ से तिरुपति बालाजी में हुई घटना को दुर्भाग्यपू्र्ण बताया गया है साथ ही कहा कि इस मामले में प्रसाद को लेकर आखिरी रिपोर्ट आने का इंतेजार रहेगा.
बता दें कि कुछ ही समय पहले विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसादम को लेकर रिपोर्ट सामने आई थी, इस रिपोर्ट में प्रसाद में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल होने की पुष्टि की गई थी. इसके बाद हर जगह हड़कंप मच गया और रेड्डी सरकार व मंदिर ट्रस्ट से दावे किए जाने लगे. इस मिलावट को लेकर हिंदू धर्म के लोगों में रोष है और इस पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया है. इसके बाद उत्तराखंड सरकार की तरफ से फौरन एक्शन मोड में आते हुए टेस्टिंग का फैसला लिया गया है.