नई दिल्ली: हरियाणा चुनाव के नतीजे सभी के सामने आ चुके हैं, इनमें किसान नेता के तौर पर पहचान बनाने वाले गुरमान सिंह चढूनी को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा है. पिहोवा सीट से चढूनी केवल 1170 वोट ही अपने खाते में जुटा सके और इसी के साथ उनकी जमानत भी जब्त हो गई. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मनदीप चट्ठा ने जीत हासिल की उन्हें 64,548 वोट ही मिले हैं. वहीं इस दौरान दूसरे पायदान पर रहने वाले बीजेपी कैंडिडेट भगवान शर्मा को 57, 995 वोट मिले हैं.
बता दें कि गुरमान सिंह चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य थे, यह समूह किसानों के 40 संघों का एक ग्रुप है. 3 कृषि कानूनों के समय एक साल से अधिक समय तक चलने वाले आंदोलन में चढूनी ने बड़ी योगदान दिया था, इस कानूनों को अब वापस ले लिया गया है. बता दें कि किसान नेता चढूनी से साल 2021 में संयुक्त संघर्ष पार्टी के नाम से अपना राजनीतिक दल बनाया था उस समय उन्होंने बताया था कि दल बनाने का मकसद राजनीति को शुद्ध करना और उसमें काबिल लोगों को लाना था. किसान नेता के रूप में चुनाव मैदान में उतरने पर चढूनी को इस बार जनता के पूरी तरह से नापंसद किया है.
बता दें कि हरियाणा चुनावों के नतीजों पर देशभर की नजरें टिकी हुईं थीं, वहीं अब बार भाजपा अपना कमल खिलाने में कामयाब रही है. पार्टी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस इस दौरान 37 सीटें ही बचा पाने में कामयाब रही, इनेलो को 2 और अन्य को 3 सीटें मिली है. इन नतीजों के बाद बीजेपी लगातार खुशियां मना रही है, वहीं विपक्ष हार का चिंतन कर रहा है. इस दौरान हरियाणा की पहोवा सीट पर चढूनी की ये हार सभी का ध्यान खीच रही हैं.
विधान सभा चुनावों के नतीजे विपक्ष को चौंका रहे हैं, उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह भाजपा से बागी होकर रानियां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और हार गए. देवीलाल के पौत्र एवं ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला भी इस बार ऐलनाबाद से चुनाव हार गए हैं. वहीं दूसरी हरियाणा लोकहित पार्टी से चुनाव लड़ने वाले गोपाल कांडा भी अपनी चुनावी शाख नहीं बचा पाए हैं.