Dehradun: उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालय परिसर व संबद्ध महाविद्यालयों में कतिपय कारणों से प्रवेश से वंचित छात्रों को प्रवेश देने के लिए एक और अवसर मिलेगा. 24 और 25 अक्टूबर को समर्थ पोर्टल एक बार फिर खुलेगा. समर्थ एण्ट्रेन्स मॉड्यूल के माध्यम से पंजीकृत छात्र भी प्रवेश ले सकेंगे. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की ओर से इस संबंध अधिकारियों को निर्देश दिए गए है.
बता दें कि समर्थ पोर्टल को पंजीकरण के लिए नहीं खोला जा रहा है, केवल प्रवेश से वंचित पूर्व पंजीकृत अभ्यर्थियों और प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया में सम्मिलित छा़त्रों को ही दो दिनों (24 व 25 अक्टूबर) तक प्रवेश और शुल्क जमा करने की सुविधा प्रदान की जा रही है. विभागीय मंत्री के निर्देशों पर विभाग की ओर से प्रवेश से वंचित और इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए विभिन्न मीडिया माध्यमों से अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिससे दूरस्थ छात्रों को भी सूचना प्राप्त हो सके.
वर्तमान शैक्षणिक सत्र में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए 102503 पंजीकरण हुआ है. जिसमें 79576 यूनिक आई डी हैं जिसके सापेक्ष अभी तक कुल 63167 छात्रों ने प्रवेश लिया है. वहीं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश के लिए 35365 पंजीकरण हुआ है. जिसमें 21647 यूनिक आई डी हैं जिसके सापेक्ष अभी तक कुल 15394 छात्रों ने प्रवेश लिया है.
प्रवेश और शुल्क जमा करने के लिए पोर्टल पुनः 24 अक्टूबर को प्रातः 08 बजे से खोला जाएगा जो कि 25 अक्टूबर को सायं 05 बजे तक खुला रहेगा. इस अवधि में समर्थ एण्ट्रेन्स मॉड्यूल के माध्यम से बीएड, एमएड और विधि के लिए पंजीकृत अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता है. प्रवेश प्रक्रिया में मानकों के अनुपालन का दायित्व संबंधित संस्थान का होगा. जिसके उल्लंघन पर संबंधित संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी.
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए संकल्पबद्ध है. जिसके लिए विभाग में अनवरत सुधारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं. उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविदयालयों में आगामी परीक्षा परिणम समर्थ के माध्यम से नैड-डिजिलॉकर से घोषित होंगे. सरकार सुव्यवस्थित रूप से गुणवत्तापरक शिक्षा सुलभ कराने के लिए समस्त प्रयास कर रही है और इसके लिए शैक्षणिक कैलेण्डर जारी किया गया है. जिसका अनुपालन समस्त विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों की ओर से अनिवार्य रूप से किया जाना है.
सचिव, उच्च शिक्षा डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने निदेशक,उच्च शिक्षा के माध्यम से यह निर्देश दिए हैं कि प्रवेश प्रक्रिया कक्षाओं के संचालन के पश्चात द्वितीय पाली में अपराह्न 12 बजे के उपरान्त ही संचालित किया जाए. जिससे कक्षा संचालन किसी भी दशा में प्रभावित न हो. उन्होंने कहा कि शिक्षा के गुणवत्ता के दृश्टिगत सभी को अपना दायित्व निभाना होगा.
उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविदयालय परिसरों और संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं 11 जुलाई से ही संचालित हैं. कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के लिए संस्था और शिक्षकों की ओर से विशेष रचनात्मक प्रयास किए जाएं. शिक्षकों के समग्र मूल्यांकन को छात्रों के प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुलभ कराना हमारा नैतिक दायित्व है और महाविद्यालयों में पढ़ाई से कोताही बर्दाश्त नहीं जाएगी. उन्होंने संबंधित विश्व विद्यालयों और महाविद्यालयों को भी 75 प्रतिशत उपस्थिति मानक का पालन करने के निर्देश दिए हैं.
हिन्दुस्थान समाचार