कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दाना चक्रवात के कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई. शुक्रवार दोपहर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की थी. उसके बाद देररात तक दो और लोगों के मरने की पुष्टि हुई. शनिवार को राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को कोलकाता और हावड़ा में जमा पानी के कारण दो युवकों की मौत हो गई. कोलकाता में एक युवक की करंट लगने से मौत हो गई, जबकि हावड़ा में दूसरे युवक की गड्ढे में गिरने से जान चली गई.
कोलकाता के भवानीपुर इलाके में शुक्रवार देर शाम को जस्टिस द्वारकानाथ रोड पर 25 वर्षीय सौरभ प्रसाद गुप्ता की करंट लगने से मौत हो गई. सौरभ बिहार के निवासी थे लेकिन कोलकाता में अपने पिता के साथ एक भुजिया की दुकान चलाते थे और वहीं रहते थे. शाम करीब पांच बजे, जब वह अपने घर से दुकान की ओर जा रहे थे, सड़क पर पानी भरा हुआ था. स्थानीय पार्षद असीम बोस ने बताया कि उस इलाके में नगरपालिका द्वारा कोई स्ट्रीट लाइट नहीं है. एक घर की रेलिंग से निकली हुई बिजली की तार से सौरभ को करंट लग गया और वह पानी में गिर पड़े. स्थानीय लोगों ने बांस के सहारे उन्हें बाहर निकाला और शंभुनाथ पंडित अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
सौरभ के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इस पर नगर पालिका के मेयर परिषद सदस्य संदीपरंजन बक्सी ने कहा कि, “दुर्घटना स्थल पर कोई नगरपालिका का लैंप पोस्ट नहीं था. अवैध रूप से एक घर के मीटर बॉक्स से तार खींचकर बिजली का कनेक्शन लिया गया था. इस मामले की जांच पुलिस और सीईएससी (कोलकाता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन) द्वारा की जा रही है.”
सीईएससी ने भी बयान में कहा कि दुर्घटनास्थल के पास के एक घर से अवैध रूप से बिजली की तार खींची गई थी. पुलिस ने उस घर के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का निर्णय लिया है और संबंधित मीटर बॉक्स को सील कर दिया गया है. दूसरी घटना हावड़ा के 42 नंबर वार्ड के तांतिपाड़ा इलाके में हुई, जहां 38 वर्षीय गौतम चट्टोपाध्याय की मौत हो गई. वे हावड़ा नगर पालिका के सफाई विभाग में अस्थायी कर्मचारी थे. शुक्रवार शाम वे काम से लौट रहे थे, तभी पानी में छुपे एक गड्ढे में उनका पैर फिसल गया और वे गिर गए. गिरने के बाद वे बेहोश हो गए और काफी देर तक उसी पानी में पड़े रहे. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हावड़ा जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
गौतम के चाचा तपन चट्टोपाध्याय ने बताया कि उनके भतीजे की मौत उस गंदे पानी में गिरने से हुई है. स्थानीय निवासी विश्वनाथ कर ने कहा, “वह लगभग एक घंटे तक पानी में पड़े रहे और किसी ने उन्हें नहीं निकाला.” पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी.
उल्लेखनीय हैं कि मेदिनीपुर में एक व्यक्ति की इसी तरह से चक्रवात के दौरान बिजली का तार ठीक करने के समय करंट लगने से मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा था की जांच के बाद परिवार को मुआवजा दिया जाएगा.
हिन्दुस्थान समाचार