Ghar Wapsi: सनातन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है जोकि अपनी खासियतों के चलते अक्सर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है वहीं कई बार राह भूल चुके लोगों को भी सही मार्ग दिखाता है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी ऐसा ही मामला सामने आया है जहां 30 परिवारों की घर वापसी हुई है. मेरठ के टोपी नगर की अंबेडकर कॉलोनी में कुछ महीने पहले इन लोगों को ईसाई बनाया गया था जिसकी जानकारी हिंदू संगठनों को मिलने के बाद बड़ी कार्रवाही की गयी है.
दरअसल, अंबेडकर कॉलोनी में रहने वाले परिवारों ने दावा किया कि उन्हें ईसाई मिशनरी संगठन मिलकर धर्म बदलने के लिए उकसा रहे थे. इसके लिए उन्हें धर्म सभाओं में आमंत्रित करना, कई तरह के प्रलोभन जैसे अच्छी शिक्षा, आर्थिक मदद, स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जा रहे थे. इसके चलते वहां के कई परिवार ईसाई बन गए थे मगर हिंदू संगठनों को इसकी खबर होने के बाद इलाके में काफी हंगामा हुआ और पुलिस को भी बुलाया गया.
समाजसेवी दुष्यंत रोहटा की तरफ से आरोप लगाया गया है कि इस पूरे धर्म परिवर्तन करवाने के पीछे चर्च के पादरी का हाथ है. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसने गरीब और मजबूर लोगों को कई तरह का लालच दिया है.
इसी रविवार को कई हिंदू संगठनों के लोगों ने अंबेडकर कॉलोनी में हवन का आयोजन करके 30 परिवारों की घर वापसी करवायी. ईसाई बने इन लोगों ने दोबारा हिंदू बनाया गया जिसका सभी ने स्वागत किया. बता दें कि हवन और पूजा पाठ करने के बाद सभी परिवारों को हिंदू धर्म की दीक्षा दिलायी गयी. दुष्यंत रोहटा ने बताया कि इस तरह की कार्रवाही और बाद में घर वापसी आगे भी जारी रहेगी. लगातार चल रहे धर्मांतरण के इस तरह के कारखानों के खिलाफ घर वापसी का अभियान जारी रहेगा.
वहीं घर वापसी के बाद धर्मांतरण के इस मामले में हिंदू संगठनों ने पादरी के खिलाफ उचित सख्त जांच की मांग की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मांतरण का यह काम गरीब, कमजोर और भोले-भाले लोगों की परेशानी का फायदा उठाकर चलाता जाता है. लालच के चलते वो लोग भी आसानी से इस कुचक्र में फंस जाते हैं. दुष्यंत रोहटा ने कहा कि इस पर कड़ी कानूनी कार्रवाही होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके.