नई दिल्ली: कर्नाटक में वक्फ बोर्ड अपनी मनमानियों को जारी रखे हुए है, लेकिन अब वकील भी वक्फ बोर्ड के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. दरअसल, केंद्र सरकार के प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल 2024 का समर्थन मैसूर बार एसोसिएशन ने किया है. उसके सदस्यों ने बिल के समर्थन में रैली निकाली. साथ ही वक्फ बोर्ड की ओर जो मनमानियां की जाी रही हैं उसके विरुद्ध नारेबाजी भी की.
मैसूर बार एसोसिशन के अध्यक्ष एस लोकेश की अगुवाई में वक्फ बिल के समर्थन में ये रैली निकाली गई. मैसूर बार एसोसिशन के सदस्यने कहा कि अभी जो वक्फ कानून है वो देश हित के हित में नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार किसी भी पार्टी या पक्ष के दबाव में नहीं आए और वक्फ बिल में संशोधन करे. वक्फ बोर्ड ने राज्य में किसानों कि जमीनों पर अपना दावा किया है, उसके विरोध में प्रदर्शन हुआ.
बार एसोसिएशन के प्रदर्शन में शामिल पूर्व सांसद प्रताप सिंह ने मैसूर और चामराजनगर जिले की 600 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की जमीन के रूप में अधिसूचित करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड सरकार की जमीनों को कब्जा रहा है. ऐसा केवल सीएम सिद्धारमैया की तुष्टिकरण की पॉलिसी के चलते किया जा रहा है.
पूर्व सांसद ने कहा कि 1965 की गजट अधिसूचना जारी हो गई, लेकिन उसके बाद भी वक्फ के जो मंसूबे थे वो उसमें सफल नहीं हुआ, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद वक्फ बोर्ड ने जमीनों को लेकर दावे शुरू कर दिए. गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड ने हाल के दिनों में दावा किया है कि विजयपुर में किसानों की 1500 एकड़ जमीन उसकी है.
यहीं नहीं वक्फ बोर्ड का दावा है कि बीदर किले के 17 संपत्तियों, गडग जिले में किसान की जमीन और कोडागू व बेंगलुरू में कई संपत्तियां उसकी हैं. विजयपुर जिले में ही वक्फ बोर्ड ने 14,200 एकड़ जमीन पर कब्जा मार रखा है. ऐसा एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है.