देहरादून/पिथौरागढ़: सेना में टेरिटाेरियल भर्ती के दाैरान के लिए बड़ी संख्या में पिथौरागढ़ पहुंचे अभ्यर्थियों काे असुविधाओं का सामना करना पड़ा है. स्थानीय प्रशासन की चूक और अन्य राज्याें से तालमेल के अभाव से अभ्यर्थी परेशान हुए.
इस संबंध में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने गुरुवार काे पत्रकाराें काे बताया कि पिथौरागढ़ में 12 नवंबर से 24 नवंबर तक विभिन्न तिथियों में विभिन्न राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए सेना की टेरिटोरियल भर्ती हाे रही है. इस भर्ती प्रक्रिया में उत्तराखंड के लिए 113 पद और अन्य राज्यों के लिए 411 पद निर्धारित किए गए थे. उन्हाेंने बतायाकि अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने पर परिवहन विभाग ने अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की गई है.
दरअसल,आठ नवंबर को आयोजित एक बैठक में कर्नल उत्तम कुमार सिंह, 111 पैदल वाहिनी (प्रा.से.) कुमाऊं के साथ भर्ती की तैयारियों पर चर्चा की गई. इस बैठक में कर्नल सिंह ने बताया था कि अन्य राज्यों के लिए निर्धारित तिथियों में कम भीड़ रहने की संभावना थी, जबकि उत्तराखंड के लिए निर्धारित तिथियों में अधिक अभ्यर्थियों के आने की संभावना थी. इस कारण अतिरिक्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता थी.
इसी बीच बिहार राज्य के दानापुर में 17 नवंबर को होने वाली भर्ती अचानक निरस्त हाेने से उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थी भर्ती हाेने के लिए पिथौरागढ़ पहुंच गए. इस बीच पिथौरागढ़ में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ने पर परिवहन विभाग से अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया. अब तक पिथौरागढ़ में लगभग 25 हजार अभ्यर्थी पहुंचे, जिनमें से 18 हजार अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया पूरी करके लौट चुके हैं. प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया की सभी व्यवस्थाओं को युद्धस्तर पर सुनिश्चित किया और स्थानीय विद्यालयों में रात्रि विश्राम की व्यवस्था की. अतिरिक्त वाहनों के माध्यम से अभ्यर्थियों को पिथौरागढ़ से वापस टनकपुर भेजने की व्यवस्था की गई. सुरक्षा व्यवस्था भी सुदृढ़ की गई है और सभी स्थल पर पुलिस बल तैनात किया गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है.
हिन्दुस्थान समाचार