Dehradun: उत्तराखंड की जटिल भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम की चुनौतियों के बीच राज्य की बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) एक बड़ा कदम उठा रहा है. प्रदेश के 33/11 केवी उपसंस्थानों पर कैपेसिटर बैंक स्थापित करने का कार्य तेजी से चल रहा है. यह परियोजना मार्च 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है.
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक ने इसे ऊर्जा क्षेत्र में गेम चेंजर प्रोजेक्ट करार देते हुए बताया कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा. इसके अलावा वोल्टेज स्थिर होने से सिंचाई और पेयजल जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि मार्च 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अभी तक कई क्षेत्रों में कार्य शुरू हो चुका है और अगले कुछ महीनों में प्रदेशभर के उपसंस्थानों पर कैपेसिटर बैंक लगने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि
यूपीसीएल का यह प्रयास प्रदेश के ऊर्जा तंत्र को नई दिशा देने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा.
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लम्बे वितरण स्पान और अन्य चुनौतियों के कारण लो वोल्टेज और खराब पावर फैक्टर की समस्या आम बात है. इसका असर बिजली आपूर्ति और प्रदेश की सिंचाई व पेयजल परियोजनाओं पर पड़ता है. यूपीसीएल द्वारा 33/11 केवी उपसंस्थानों के 101 ट्रांसफॉर्मरों के लिए कैपेसिटर बैंक लगाए जा रहे हैं. इससे वितरण तंत्र और अधिक प्रभावी बनेगा और उपभोक्ताओं की शिकायतों में कमी आएगी.दरअसल, कैपेसिटर बैंक आधुनिक तकनीक पर आधारित उपकरण है, जो विद्युत आपूर्ति में पावर फैक्टर (पीएफ) और वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार करता है. इससे न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली मिल सकेगी, बल्कि वितरण तंत्र की मजबूती और तकनीकी हानियों में भी कमी आएगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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