Dehradun: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुमाऊं क्षेत्र की साइबर थाना पुलिस के साथ मिलकर एक शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने व्हाट्सएप पर डिजिटल अरेस्ट की धोखाधड़ी से पीड़ित से 45 लाख 40 हजार रुपये ठगे थे. उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार किए गए इस अभियुक्त ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ित को डराया-धमकाया और उसकी पूरी रकम ठग ली. एसटीएफ की टीम ने तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल कर इस ठगी की साजिश का पर्दाफाश किया और आरोपित को न्याय के शिकंजे में कस लिया. अभियुक्त के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हैं.
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नवनीत सिंह ने बताया कि काशीपुर जनपद उधम सिंह नगर निवासी एक पीड़ित ने गत जुलाई माह में एक FIR दर्ज करवायी थी. अभियुक्त ने खुद को ट्राई डिपार्टमेंट और मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर 20 करोड़ के घोटाले का हवाला देकर पीड़ित को फंसाया. पीड़ित को बताया गया कि उसके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर पर कई अपराध दर्ज हैं, जिसके कारण उसका सिम कार्ड बंद किया जा रहा है. अपराधी ने उसे डराया-धमकाया और वीडियो कॉल पर उसे कस्टडी में होने का एहसास दिलाया. इसके बाद पीड़ित को बैंक खाता विवरण देने के लिए मजबूर किया और 45 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा. अभियुक्त ने धोखाधड़ी के लिए फर्जी फर्म के बैंक खाते का उपयोग किया और पीड़ित की रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवाई. पीड़ित को इस धोखाधड़ी का एहसास तब हुआ जब वह बैंक ट्रांसफर कर चुका था.
धोखाधड़ी के लिए दूसरे व्यक्तियों के खातों का किया था इस्तेमाल
साइबर अपराधी पंकज कुमार निवासी रामपुर अवस्थी देवरिया उत्तर प्रदेश को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया. उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और एक पीएनबी चेकबुक बरामद की गई है. जांच में यह भी पाया गया कि अभियुक्त ने धोखाधड़ी के लिए दूसरे व्यक्तियों के खातों का भी इस्तेमाल किया था. एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की धोखाधड़ी की शिकायतें देशभर के विभिन्न राज्यों में मिल चुकी हैं. अभियुक्त के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हैं.
पुलिस की अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे साइबर धोखाधड़ी से बचें. कोई भी सरकारी अधिकारी आपको व्हाट्सएप या वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करने का नोटिस नहीं भेज सकता है. यदि आपको किसी भी प्रकार का धोखाधड़ी का सामना हो तो तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं. इसके अलावा किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी या फर्जी वेबसाइट के प्रलोभनों से बचें और हमेशा संबंधित संस्थाओं से सत्यापन करें. किसी भी साइबर धोखाधड़ी की शिकायत के लिए 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन या cybercrime.gov.in पर दर्ज कर सकते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार