नई दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को पक्ष-विपक्ष की विभिन्न मुद्दों पर तकरार के चलते तीन बार स्थगित करनी पड़ी है. दोनों सदन थोड़े-थोड़े अंतराल पर ही पहले 12 बजे, फिर 2 बजे और फिर 3 बजे तक के लिए स्थगित किए गए. इसके बाद भी कार्यवाही नहीं चली और उसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी नेताओं को चेताया. उन्होंने पूछा कि क्या वे सदन नहीं चलने देना चाहते. इसके बाद उन्होंने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. 12 बजे भी कार्यवाही थोड़े अंतराल में ही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. 2 बजे लोकसभा में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने रेलवे (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देना चाहा लेकिन हंगामें के चलते कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. तीन बजे फिर से सदन का कामकाज शुरू होने पर हंगामा रहा और पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया.
उधर, राज्यसभा में भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही. सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे और फिर 2 बजे तक स्थगित होने के बाद वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को राज्यसभा में विचार और पारित करने के लिए पेश किया. इसके बाद सदन के नेता जेपी नड्डा ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर ऐसे संगठनों से जुड़े होने का आरोप लगाया, जिन्हें जॉर्ज सोरोस का समर्थन प्राप्त है. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन आरोपों का खंडन किया और सत्ता पक्ष पर ही आरोप लगाए. इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए हंगामा और शोरगुल जारी रहा. इसके बाद सभापति ने तकरार थमती न देख कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. हालांकि 3 बजे भी सदन नहीं चल पाया और कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
हिन्दुस्थान समाचार