नई दिल्ली: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि हमारे शब्दों और कार्यों से वैश्विक मंचों पर भारत की छवि खराब नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने सभी को समान मताधिकार दिया है लेकिन कुछ लोग (विपक्ष) दावा करते हैं कि देश में अल्पसंख्यकों को कोई अधिकार नहीं है.
संविधान अंगीकार करने के 75 वर्षो की गौरवशाली यात्रा पर आज दूसरे दिन चर्चा की शुरुआत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों को न केवल कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि उनके हितों की रक्षा के लिए सकारात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान करता है. उन्होंने सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि 48 प्रतिशत लोग, जिनमें से अधिकांश इस्लाम धर्म का पालन करते हैं, यूरोपीय संघ में भेदभाव का सामना कर रहे हैं. फ्रांस में सिर पर स्कार्फ़ बांधने वालों और मुस्लिम समुदाय से आने वालों के साथ भेदभाव की कई रिपोर्टें हैं. हम सभी पाकिस्तान, बांग्लादेश की स्थिति जानते हैं. हम अफगानिस्तान में सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों की आबादी की स्थिति जानते हैं, चाहे वह तिब्बत हो, म्यांमार हो, श्रीलंका हो, बांग्लादेश हो, पाकिस्तान हो या अफगानिस्तान हो, जहां भी अल्पसंख्यकों को समस्या होती है, वे भारत आते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां सुरक्षा है. फिर, यह क्यों कहा जा रहा है कि यहां अल्पसंख्यकों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है.
रिजिजू ने कहा कि लगातार सरकारों ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी यही किया है, मैं उसकी भूमिका को कम नहीं आंक रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं बल्कि सबसे खूबसूरत संविधान है. इसमें सभी के लिए प्रावधान हैं. इस संविधान को लेकर हम गौरव महसूस करते हैं.
हिन्दुस्थान समाचार