Dehradun: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस के मौके पर साेमवार काे गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1971 के युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा को याद करते हुए उनके बलिदान को नमन किया. साथ ही मुख्यमंत्री ने 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले वीर सैनिकों और वीरांगनाओं का सम्मान किया.
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जिस बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाने के लिए 1971 में भारत के लगभग 39 सौ जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, आज वही बांग्लादेश सांप्रदायिक ताकतों के प्रभाव में आकर हमारे देश के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा और अत्याचार ने मानवता के मूल्यों को गहरी ठेस पहुंचाई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से शांति और सहिष्णुता का पक्षधर रहा है, लेकिन हमारी सद्भावना को कमजोरी समझने की गलती नहीं की जानी चाहिए. अगर हम ‘धूल से फूल’ बनाना जानते हैं, तो हम ‘धूल में मिलाना’ भी जानते हैं.
1971 युद्ध का स्वर्णिम इतिहास
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ा गया युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है. भारतीय सैनिकों ने राष्ट्र की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा करते हुए दुश्मन को चारों खाने चित्त कर दिया था. इस युद्ध में भारत की तीनों सेनाओं ने मात्र 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के लगभग एक लाख सैनिकों ने भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जो सैन्य इतिहास में एक अद्वितीय घटना है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस युद्ध में उत्तराखंड के 255 वीर सपूतों सहित लगभग 39 सौ भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए. युद्ध के दौरान इन वीर जवानों को वीरता पदकों से सम्मानित किया गया था.
सेना के शौर्य में वृद्धि और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बदलाव
मुख्यमंत्री ने 2014 के बाद भारतीय सेना की शक्ति और सामर्थ्य में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले सेना के शौर्य को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना को कोई भी आदेश लेने की आवश्यकता नहीं है. सेना बिना आदेश के ही अपने शौर्य का प्रदर्शन करती है. उन्होंने कहा, “अब सेना को युद्ध के समय गोली चलाने के लिए आदेश की आवश्यकता नहीं है. सेना अब बढ़े हुए मनोबल से गोलियों का जवाब गोलों से देती है.”
उत्तराखंड सरकार की सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण की दिशा में पहल
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को भी साझा किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शहीदों के परिवारों के लिए अनुदान राशि बढ़ाई है और उन्हें राज्य सरकार के अधीन नौकरियों में वरीयता देने का निर्णय लिया है. साथ ही वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को मिलने वाली राशि में भी वृद्धि की गई है.
बांग्लादेश के साथ रिश्तों में तनाव पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों पर विशेष रूप से चिंता जताई. उन्होंने कहा कि यह अत्याचार न केवल बांग्लादेश के अंदर धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा है, बल्कि यह मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपनी सद्भावना दिखाते हुए हमेशा शांति की नीति अपनाई, लेकिन यदि बांग्लादेश की सरकार अपनी गलती नहीं समझती और भारत के खिलाफ असंवेदनशील बयानबाजी जारी रखती है तो भारत को अपने रुख पर पुनर्विचार करना होगा.
सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं को निःशुल्क बस यात्रा की घोषणा
मुख्यमंत्री ने विजय दिवस के मौके पर राज्य के शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की.
उद्घाटन के लिए तैयार है उत्तराखंड का सैन्य धाम
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब विश्व की प्रमुख सैनिक शक्ति बन चुका है और 70 से अधिक देशों को रक्षा सामग्री का निर्यात किया जा रहा है. उन्होंने राज्य में सैन्य धाम के निर्माण की जानकारी दी और बताया कि यह धाम जल्द ही उद्घाटन के लिए तैयार है. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से यह सिद्ध हो चुका है कि भारत अपनी रक्षा में सक्षम है और किसी भी आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है.
इस अवसर पर विधायक खजान दास, दर्जाधारी विश्वास डाबर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी अजय सिंह और पूर्व सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
हिन्दुस्थान समाचार