Dehradun: शीतकालीन चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने सुरक्षा और यात्रा व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है. पुलिस और प्रशासन ने संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की है. इसके तहत अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, संवेदनशील इलाकों की पहचान और यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं.
हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी चार धाम यात्रा को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत 30 जनवरी तक सभी प्रकार की तैयारियों को करने के लइए कहा गया है.
आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप ने बताया कि शीतकालीन यात्रा के दौरान बर्फबारी के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में मार्ग अवरुद्ध होने की संभावना रहती है. इस स्थिति से निपटने के लिए संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है और वहां पर्याप्त पुलिस बल और राहत सामग्री की व्यवस्था की जा रही है.
संवेदनशील इलाकों पर खास नजर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता और बर्फबारी यात्रा के मार्ग में प्रमुख बाधा बन सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस ने ऐसे स्थानों की पहचान शुरू कर दी है जहां यात्री अक्सर फंस जाते हैं या सड़कें बंद हो जाती हैं. संवेदनशील इलाकों में आपदा प्रबंधन और पुलिस की टीमें हर समय तैयार रहेंगी. फंसे हुए यात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए हर 10-15 किमी पर राहत केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती शीतकालीन यात्रा के सुचारु संचालन के लिए गढ़वाल मंडल में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. पुलिस कर्मियों को विशेष रूप से यात्री सहायता और आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जा रहा है. पहाड़ी सड़कों पर यातायात को सुगम बनाने के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा. चारधाम मंदिर परिसर और अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए विशेष टीम तैनात होगी.
चुनौतियां और समाधान आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप ने बताया कि शीतकालीन यात्रा के दौरान बर्फबारी और मार्ग अवरोध जैसी चुनौतियां हमेशा रहती हैं. इनसे निपटने के लिए हमने संवेदनशील स्थानों की पहचान की है. हमारा लक्ष्य यह है कि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.
मुख्य चुनौतियां –
मार्ग अवरोध: बर्फबारी से सड़कों का बंद होना. – अचानक मौसम परिवर्तन: पहाड़ों में कोहरे और ठंड से दृश्यता कम हो जाती है.
यात्रियों की सुरक्षा: दुर्गम इलाकों में फंसे हुए यात्रियों को बचाने का दायित्व.
समाधान – स्थानीय प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय. आपदा प्रबंधन विभाग की सहायता. – मार्गों की निगरानी के लिए ड्रोन और आधुनिक तकनीक का उपयोग.
श्रद्धालुओं के लिए विशेष निर्देशठंड और बर्फबारी को देखते हुए यात्रियों को पर्याप्त गर्म कपड़े साथ लाने की सलाह दी गई है. खराब मौसम के दौरान यात्रा न करने और प्रशासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने का अनुरोध किया गया है. किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं.
आपातकालीन सेवाएं और हेल्पलाइन नंबरपुलिस हेल्पलाइन: 112 आपदा प्रबंधन: 1070
प्रशासन की अपीलपुलिस और प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की स्थिति और मार्गों की जानकारी अवश्य लें. किसी भी आपातकालीन स्थिति में नजदीकी पुलिस चौकी या सहायता केंद्र से संपर्क करें.
हिन्दुस्थान समाचार
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