पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के कालागढ़ रामगंगा जल विद्युत परियोजना के लिए लोगों को अस्थायी रूप से बसाया गया था. मगर कार्य पूरा होने के बाद भी यूपी की तरफ से आने वाले लोगों ने वहां कब्जे किए हुए हैं. इसे लेकर प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश पर अब यहां बड़ी कार्रवाही होने जा रही है.
दरअसल कालागढ़ क्षेत्र की भूमि वन विभाग के अंतर्गत आती है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की तरफ से प्रोटेक्ट पूरा करने के लिए इसे लीज पर दिया गया था. मगर इस जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा बढ़ना शुरू हो गया और काम पूरा होने के बाद भी लोग यूं ही रहते रहे. इस जमीन को वापिस लेने के लिए वन विभाग को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी. साल 2018 तक आधी भूमि खाली करा ली गई थी. अब प्रशासन को इसे खाली करवाकर एनजीटी में जवाब दाखिल करना है.
जिला प्रशासन की तरफ से 24 जनवरी तक 72 खाली बिल्डिंग को ध्वस्त करके उस जमीन को वन विभाग को सौंपने का विचार कर रहा है.
इस बीच यह खबर भी सामने आई है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ वाली जमीन पर अवैध रूप से कब्जाकर वहाँ एक मस्जिद का भी निर्माण कर दिया है और इसके विस्तार के लिए सोशल मीडिया पर चंदा मांगा जा रहा है. जिसे टीम मस्जिद कहकर पुकारा जा रहा है. इसके आस पास रहने वाले अधिकांश लोग मुस्लिम है जिसके चलते मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति इसे संरक्षण दे रही है. यही कारण है कि इस कब्जे को हटाने में लगातार डीले होता रहा.
जल विद्युत परियोजना के तहत लीज पर दी गई जमीन को परियोजना पूरी होने के बाद वापस लिया जाना था, यहां का अधिकांश हिस्सा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के आदेश के बाद भूमि को वापस भी लिया गया है मगर अभी भी सैकडों हेक्टेयर जमीन पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है. ज्यादातर अपराधी उत्तर प्रदेश से भागकर इन्हीं इलाकों में छिप जाते हैं.