Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आस्था का महाकुंभ चल रहा है. मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हर हर महादेव, हर गंगे के जयकारे के साथ अमृत स्नान शुरू हो चुका है. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा सबसे पहले अमृत स्नान के लिए निर्धारित समय पर संगम पहुंचा. सुबह 6 बजकर 15 मिनट से शुरू हुआ अखाड़ों का अमृत स्नान शाम 4.30 बजे तक जारी रहेगा. प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों के संगम स्थल पर नागा साधुओं और फिर अन्य अखाड़ों के साधु और संतों के अमृत स्नान (शाही स्नान) के बाद श्रद्धालुओं का संगम तट पर डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है.
#WATCH | Prayagraj | Sadhus of Mahanirvani Panchayati Akhada take holy dip as the first Amrit Snan of #MahaKumbh2025 begins at Triveni Sangam on the auspicious occasion of #makarsankranti2025 pic.twitter.com/0sv5KeYcgw
— ANI (@ANI) January 14, 2025
तीर्थों के तीर्थ प्रयागराज में आज सुबह महाकुंभ का प्रथम अमृत स्नान शुरू हुआ. गंगा और यमुना के तटों के साथ समूचा प्रयाग क्षेत्र हर-हर गंगे और हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान है. चहुं ओर सभी दिशाओं में अखाड़ों के धर्म ध्वजा लहरा रहे हैं.
तीर्थराज प्रयागराज में जब उजाले की एक किरण तक नहीं निकली थी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पहुंचे। पवित्र स्नान का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता नजर आ रहा था. ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की.
#WATCH | UP | Prayagraj sees a sea of devotees at Maha Kumbh on Makar Sankranti pic.twitter.com/gAdFEWySnx
— ANI (@ANI) January 14, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम अमृत स्नान पर कहा है कि यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है. उन्होंने लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति पर महाकुंभ-2025 में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुजनों का अभिनंदन किया है. उनके आधिकारिक एक्स हैंडल पर आस्था की डुबकी के कुछ विहंगम दृश्य साझा किए गए हैं.
नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा देखने उमड़े श्रद्धालु
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया. साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया. उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया.
सिर पर गठरी, बगल में झोला लेकर आधी रात से ही गंगा की तरफ दौड़ रहे थे श्रद्धालु
नागवासुकी मंदिर और संगम क्षेत्र में तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया. बुजुर्ग, महिलाएं और युवा, सभी अपने सिर पर गठरी लादे आस्था से भरे हुए संगम की ओर बढ़ते दिखे. स्नान के लिए श्रद्धा ऐसी थी कि लोग रात से ही गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाना शुरू कर चुके थे.
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध, घुड़सवार पुलिस ने किया मार्च
महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए. हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की गहन जांच की गई. चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती से पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा. डीआईजी कुम्भ मेला वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी समेत पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अमृत स्नान जा रहे अखाड़ा साधुओं का मार्ग प्रशस्त किया.
घाटों पर गूंजे हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष
12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए. साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई. संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई. इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया.
कुंभ का इतिहास
कुंभ का आयोजन कब से आरंभ हुआ, इस विषय में सुनिश्चित रूप से हमें कोई विशेष प्राचीन शास्त्रीय संदर्भ प्राप्त नहीं होता है लेकिन एक पौराणिक संदर्भ अवश्य मिलता है, जिसमें ग्रहों की विशेष स्थिति होने पर ही कुंभ होने की ओर संकेत मिलता है. स्कन्द पुराण में इसका उल्लेख मिलता है. गौरतलब है कि, बृहस्पति के मेष राशि में प्रविष्ट होने तथा सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में होने पर अमावस्या के दिन प्रयागराज में त्रिवेणी संगम तट पर कुंभ का आयोजन होता है.
महाकुम्भ के अमृत स्नान की तिथियां
14 जनवरी (मंगलवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मकर सक्रांति
29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान) मौनी अमावस्या
3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), बसंत पंचमी
हिन्दुस्थान समाचार