Ram Mandir First Anniversary: राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम जन-मन में हैं… राम कण-कण में हैं. तीर्थ नगरी अयोध्या में ऐसे मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने से संपूर्ण राष्ट्र एकजुट, आनंदित और राममय नजर आ रहा है. वर्षों की त्याग और तपस्या के बाद कालचक्र में 22 जनवरी 2024 का वह स्वर्णिम दिन भी आया. जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो हर भारतीय का मन श्रद्धा से भर गया. कहने को बहुत कुछ था लेकिन कंठ सबका अवरूद्ध था. बस आंखों से खुशी के आंसू बह रहे थे.. कन्याकुमारी से लेकर खीर भवानी तक… सोमनाथ से लेकर काशी विश्वनाथ, बोधगया से लेकर श्रवणबेलगोला तक पूरा देश बस राममय हो गया. उस समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने गृभग्रह में ईश्वरीय चेतना का साक्षात अनुभव किया है.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की आज पहली वर्षगांठ है. पिछले एक वर्ष में अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. बता दें प्राण प्रतिष्ठा के बाद केवल बारह दिनों के भीतर 25 लाख लोगों ने रामलला के दर्श किए. देश-विदेश में बसे सनातनी अपने अराध्य रामलला के दर्शन के लिए रोजाना लाखों की संख्या में राम नगरी पहुंच रहे हैं. ऐसे में अयोध्या की अर्थव्यवस्था को पंख लग गए हैं.
1 जनवरी, 2025 को नए साल के अवसर पर अयोध्या में राम मंदिर के दर्शनार्थियों की असाधारण भीड़ देखी गई, जिसमें 500,000 से ज्यादा भक्त राम लला के दर्शन के लिए उपस्थित हुए. 31 जनवरी को भी 2 लाख रामभक्त अयोध्या पहुंचे थे.
बताया जाता है, प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रतिदिन 4 से 5 हजार लोग दर्शन करने के लिए आते थे. लेकिन अब रोजाना हर दिन 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु, दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. हर किसी भी इच्छा है कि वो जीवन में एक बार भगवान प्रभु राम के दर्शन करें. देश के कोने-कोने से लोग अयोध्या नगरी आ रहे हैं. कोई सैंकड़ों किलोमीटर पैदल साइकल चलाकर, तो कोई पैदल ही राम के दर पर पहुंच रहा है. कोई बस, ट्रेन, फ्लाइट से राम के दरबार में हाजिरी के लिए आ रहा है. कई सामाजिक सेवा संगठन अपने खर्चे पर बुजुर्गों को रामलला के दर्शन की व्यवस्था में जुटे हैं. सात समंदर पार से भी लोग प्रभु की एक झलक पाने के लिए आ रहे हैं.
अयोध्या की इकोनॉमी को रफ्तार
अयोध्या में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के आने से यहां की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने लगी है और आने में समय में यह बुलेट ट्रेन की स्पीड से दौड़ेगी भी. जैसा कि रामलला के दर्शन करने के लिए डेढ़ से 2 लाख श्रद्धालु रोजाना अयोध्या नगरी पहुंच रहे हैं. ऐसे में वहां के स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. बताया जाता है कि डेढ़-दो वर्ष पूर्व जो व्यक्ति अयोध्या में किसी भी प्रकार के कारोबार से हर दिन पांच-छह सौ रुपये की आय करता था, अब उसकी भी हजार-डेढ़ हजार रुपये से ऊपर की आमदनी हो रही है. यानि की उनकी आय में इजाफा हो रहा है.
देश-विदेश से श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से राम नगरी में अब रैडिसन, मैरिएट, ओबरॉय, ताज, डोमिनोज जैसे बड़े इंडस्ट्रियल ग्रुप्स के होटल-रेस्टोरेंट खुल गए है. लोग आते हैं तो होटलों में ठहरते हैं. प्रतिदिन लाखों रूपये का कारोबार अयोध्या की धरती पर हो रही है. जिससे यूपी की अर्थव्यवस्था लगातार बूस्ट हो रही है.
बता दें इस समय अयोध्या में लगभग 65 होटल-रेस्टारेंट रजिस्टर्ज हैं और 1056 रजिस्टर्ड होम स्टे खुले हैं. यदि गैर पंजीकृत को भी मिला दें तो होटलों की ही संख्या 100 से अधिक है. अयोध्या में बढ़ते पर्यटन और बिजनेस सैक्टर में इंवेस्टमेंट से माना जा रहा कि अगले पांच वर्षों में अयोध्या की अर्थव्यवस्था, दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों का मुकाबला करने लगेगी.
अयोध्या के अन्य स्थलों का भी सौंदर्यकरण
राम मंदिर निर्माण के साथ ही प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के अन्य पैराणिक महत्व वाले स्थलों को विकसित करने में जुटी है. अब श्रद्धालु इन पर्यटन स्थलों पर जा रहे हैं. वहां पर व्यापार करने वाले छोटे-बड़े सभी व्यापारी खूब मुनाफा भी कमा रहे हैं. अब जो लोग दूर से आते है. वह चाहते हैं कि कुछ दिन अयोध्या में ठहरा जाए और अयोध्या नगरी को घूमा जाए. जिससे उपेक्षित पड़े पर्यटन स्थल भी अब अपने सौंदर्य से चकाचौंध नजर आते हैं.
पहले एक साल में अयोध्या में डेढ़-दो करोड़ लोग ही आते थे. लेकिन अब 12 से 13 करोड़ लोग हर साल अयोध्या आते हैं. पर्यटन विभाग के उप-निदेशक राजेंद्र यादव का कहना है कि पिछले साल अयोध्या में 13 करोड़ श्रद्धालु आए लेकिन आने वाले समय में इनकी संख्या 15 करोड़ को पार करने वाली है.
दीपोत्सव से विश्व में बनाई पहचान
2017 में योगी सरकार बनने के बाद अयोध्या में हर साल दीपोत्सव का आयोजन किया जाने लगा. प्रत्येक वर्ष दीवाली से एक दिन पहले यानि छोटी दीवाली पर सरयू के घाट पर लाखों की संख्या में दीप प्रज्वलित किए जाते हैं. पिछले साल यानि 2024 में 25 लाख दीये राम नगरी में एक साल जलाए. अयोध्या में अपने सारे रिकॉर्ड तोड़कर विश्व पटल पर अपनी अलग और अलौकिक पहचान बनाई है. इस रिकॉर्ड को आधिकारिक तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा मान्यता दी गई थी जो इस कार्यक्रम को देखने के लिए उपस्थित थे.
अगले 5 सालों में और बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
अभी राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. अगले 5 सालों में जब मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. सारी परियोजनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो श्रद्धालुओं की संख्या और तेजी से बढ़ेगी. अयोध्या में फिर और ज्यादा निवेश होगा और अर्थव्यवस्था को विकास के नए पंख लगेंगे.
ताजमहल से ज्यादा पर्यटक अयोध्या पहुंच रहे
राम की नगरी अयोध्या, पर्यटकों के लिए पहली पसंद बन गया है. अब लोग अन्य पर्यटन स्थलों के मुकाबले अयोध्या जाना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं. सितंबर 2025 में 135.5 मिलियन घरेलू पर्यटक, 3 हजार से ज्यादा विदेशी पर्यटक रामलला के दर्शन करने आएं. राम मंदिर, यूपी का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्थल बन गया है. ताजमहल को भी राम मंदिर ने पीछे छोड़ दिया.
अयोध्या पहुंचने के लिए बेहतरीन कनेक्टिविटी
अयोध्या पहुंचने के लिए केंद्र और यूपी सरकार ने बेहतरीन कनेक्टिविटी की सौगात दी है. हवाई सफर करने वालों के लिए महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, तो रेलवे पैसेंजरों के लिए अयोध्या धाम रेलेव स्टेशन का रि-डेवलपमेंट किया गया है. अयोध्या स्टेशन से राम मंदिर की दूरी लगभग छह किलोमीटर है वहीं केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि अयोध्या का विकास सिर्फ एक धार्मिक नगरी के तौर पर नहीं, बल्कि भारत के नए पर्यटन स्थल के तौर पर किया जा रहा है.