नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को हैदराबाद हाउस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, स्वास्थ्य एवं डिजिटल इन्फ्रा क्षेत्र में सहयोग पर बनी सहमति बनी.
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद हाउस में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया मुख्य अतिथि था. यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इंडोनेशिया हमारे 76वें गणतंत्र दिवस के जश्न का हिस्सा है. उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति रविवार को भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे.
प्रधानमंत्री ने 2018 की अपनी इंडोनेशिया यात्रा को याद करते हुए कहा कि इंडोनेशिया यात्रा के दौरान हमने अपनी साझेदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाया था. आज राष्ट्रपति प्राबोवो के साथ आपसी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए हमने तय किया है कि रक्षा विनिर्माण और आपूर्ति शृंखला में साथ काम किया जाएगा. हमने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला और कट्टरपंथ से मुक्ति में सहयोग पर भी बल दिया है.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में तेज़ी आई है. पिछले साल यह 30 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया. इसे आगे बढ़ाने के लिए हमने बाज़ार पहुंच और व्यापार बास्केट में विविधता लाने पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई क्षेत्रों में हमने आपसी सहयोग को और सशक्त करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में भारत अपने अनुभव, जैसे कि मिड-डे-मील स्कीम और सार्वजनिक वितरण प्रणाली, इंडोनेशिया के साथ साझा कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के आपदा प्रबंधन अधिकारी संयुक्त अभ्यास में भाग लेंगे. सांस्कृतिक संबंधों और जुड़ाव के मामले में भी हमारे बीच सदियों पुराने संबंध हैं. रामायण और महाभारत से प्रेरित गाथाएं और बाली जात्रा हमारे लोगों के बीच अनवरत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों के जीते-जागते प्रमाण हैं.
उन्होंने कहा कि आसियान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इंडोनेशिया हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है. दोनों देश शांति, सुरक्षा, समृद्धि और नियम आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हम इंडोनेशिया की ब्रिक्स सदस्यता का भी स्वागत करते हैं. इन सभी मंचों पर ग्लोबल साउथ के देशों के हितों और उनकी प्राथमिकताओं पर हम सहयोग और समन्वय से काम करेंगे.
हिन्दुस्थान समाचार