नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से झारखंड सरकार को झटका लगा है. जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने झारखंड हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी, जिसमें 2023 में एक विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और बाबुलाल मरांडी समेत 28 भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया था. जस्टिस एएस ओका ने झारखंड सरकार की याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में प्रदर्शनों को रोकने के लिए बार-बार धारा 144 लगाने पर सवाल उठाया. कोर्ट ने कहा कि ये प्रवृति ठीक नहीं है कि लोगों के प्रदर्शनों को रोकने के लिए धारा 144 लगाया जाए. ये एक खराब संकेत देता है. अगर कोई प्रदर्शन करना चाहता है तो धारा 144 लगाने की क्या जरूरत है. ऐसा कर धारा 144 का दुरुपयोग किया जा रहा है.
भाजपा नेताओं के खिलाफ 2023 में दंगा करने की एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में कहा गया था कि धारा 144 लगने के बावजूद दंगा फैलाने के मकसद से प्रदर्शन किया गया था. झारखंड पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तोड़ना और पत्थर और बोतलें फेंकना शुरू कर दिया था. झारखंड हाई कोर्ट ने अगस्त 2024 में निशिकांत दुबे समेत दूसरे आरोपितों पर दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दी थी.
हिन्दुस्थान समाचार