उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद से कई लोगों में कन्फ्यूजन देखने को मिल रही है. हालांकि इसे लेकर सरकार की तरफ से हर तरीके से जागरूक करने का प्रयास भी किया जा रहा है. साथ ही कई अधिकारियों को भी इसलिए तैयार किया गया है कि वो भिन्न जगहों पर जाकर यूसीसी से जुड़ी हर हर जानकारियों को समाज के सभी वर्गों के साथ समाधान दें.
इन्हें है लिव इन में रजिस्ट्रेशन पर छूट
आपको बता दें कि यूसीसी लागू होने के बाद से सबसे ज्यादा लिव के टॉपिक पर जमकर बात हो रही है. सबसे ज्यादा लोगों इसी मुद्दे को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं. जानकारी के लिए बता दें कि इस कानून से जनजातीय समाज को अलग रखा गया है. इसका मतलब है कि यूसीसी की किसी भी धारा में यह समाज नहीं आएगा, साथ ही जनजातीय समाज के कोई लड़का या लड़की शादी से पहले एक साथ मिलकर रहने का फैसला लेते हैं तो उनके लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं होगा.
खुद से करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
वहीं यूसीसी के तहत जनजातीय समुदाय का कोई लड़का या लड़की किसी अन्य राज्य के व्यक्ति को अपने साथ रखते हैं तो इसके लिए भी उन्हें कोई रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं किया गया है. इस पर सरकार का मानना है कि अगर कोई अपनी मर्जी से ये करवाना चाहता है तो बेहतर है. वहीं यह भी क्लियर किया गया है कि इस दौरान रखी गई सारी जानकारियां पूरी तरीके से गोपनीय होंगी.