भारत की तरफ लगातार अलगाववादी आतंकियों का मुद्दा उठाया जाता रहा है. साथ ही यह भी प्रमुखता से कहा जाता है कि भारत से क्राइम करके भागे लोगों को कनाडा अपनी शरण देता है. हर बार इसे अस्वीकार करते हुए कनाडा की ट्रूडो सरकार अपना अलग राग अलापती थी मगर अब खुद कनाडा ने सामने से इस बात को स्वीकार किया है. उनकी तरफ से माना गया है कि न केवल कनाडा अलगाववादी आतंकियों अपनी पनाह देता था बल्कि यह भारत के लिए बड़ा खतरा भी हैं.
बता दें कि इन सब चीजों के बावजूद कनाडा की तरफ से लगातार अलगाववादियों को शरण दी जाती रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कनाडा की रिपोर्ट में हाल ही में इस पर से पर्दा उठाया गया है. इसमें बताया है कि कनाडा में अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले लोग निडरता से वहां रह रहे हैं. अकेले साल 2021 से 2024 के बीच ही 1045 आतंकियों ने शरण ली है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इतना सब होने के बावजूद भी वहां यह सब चर रहा है. कनाडा इस पर पक्ष देता है कि वो लोग वहां शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं.
कनाडा सरकार जिन लोगों को सिख मिलिटेंट्स कहती है वो और कोई नहीं बल्कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर भागे हुए लोग हैं. ये आतंकी वहां एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही जीवन जी रहे हैं. कनाडा की तरफ से हमेशा यह तर्क दिया जाता है कि सिख मिलिटेंट्स अपने देशों में सताए हुए है जो शांति से रहने के लिए कनाडा आए हैं. हालांकि कनाडा यह बात मानता है कि कुछ अलगाववादी फंडिंग और ब्रेन वॉश करके भारत का माहौल बिगाड़ने में लगे है हालांकि इस मामले में कोई एक्शन लेते नहीं दिखते.
उल्लेखनीय है कि अलगाववादी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में दरार आ गई है. इससे पहले तक सब ठीक ही चल रहा था. जस्टिन ट्रूडों भारत के दौरे के बाद लगातार अपने मुंह से भारत पर कई आरोप लगाते हैं जिनके उनके पास कोई तथ्य नहीं हैं. साथ ही निज्जर की हत्या का आरोप भी ट्रूडों ने भारत के सिर मढ़ दिया था. बाद में जब भारत की तरफ से सबूत मांगे थे तो वो पेश नहीं कर पाए थे.