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Triyuginarayan Temple: उत्तराखंड का वो मंदिर जहां शादी करने के लिए आते हैं लोग, भगवान शिव और पार्वती से है खास कनेक्शन

विश्व प्रसिद्ध त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित जाना-माना मंदिर है जोकि हिंदुओं की विशेष आस्था का विशेष केंद्र है.

Diksha Gupta by Diksha Gupta
Apr 22, 2025, 02:30 pm GMT+0530
त्रियुगीनारायण मंदिर बना डेस्टिनेशन वेडिंग का हब, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

त्रियुगीनारायण मंदिर बना डेस्टिनेशन वेडिंग का हब, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

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Temple Tourism: उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है, यहां ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं जो अपनी पौराणिक कथाओं और खूबसूरती के चलते देश विदेश के श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित करता है. वहीं इस पावन धरा पर एक ऐसा मंदिर भी है जहां शादी करना ज्यादातर लोगों का सपना होता है. जी हां वो मंदिर त्रियुगीनारायण है जिसका संबंध भगवान शिव और उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती से जोड़ा जाता है.

विश्व प्रसिद्ध त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित जाना-माना मंदिर है जोकि हिंदुओं की आस्था का विशेष केंद्र है. स्थानीय भाषा में इसे त्रिजुगीनारायण भी कहा जाता है. त्रियुगीनारायण नाम का अर्थ तीन गुणों वाला होता है. ये मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है मगर जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इसका कनेक्शन भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहीं पर भगवान विष्णु ने यजमान बनकर शिव-पार्वती का विवाह सम्पन्न करवाया था.

आज भी जल रही है अखंड धुनी

Triyuginarayan Temple Uttarakhand
Triyuginarayan Temple Uttarakhand

त्रियुगीनारायण मंदिर का इतिहास भगवान शिव-पार्वती से जुड़ा हुआ है. इसे लेकर कहा जाता है कि यही पर भगवान विष्णु ने देवादिदेव महादेव और पार्वती माता की शादी करवाई थी, यहीं पर पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर दोनों ने सात फेरे लिए थे. इसका प्रतीक अखंड धुनी आज भी इस स्थान पर उसी प्रकार से जल रही है जहां शादी करने के लिए देश और विदेश से श्रद्धालु जोड़े शादी करने के लिए आते हैं. वापस घर जाते समय अखंड धुनी की राख प्रसाद के रूप में घर लेकर जाते हैं.

Triyuginarayan Temple Kund
Triyuginarayan Temple Kund

इस मंदिर के प्रांगण में सरस्वती कुंड, रुद्र कुंड, विष्णु कुंड और ब्रह्म कुंड स्थित है जहां लोग स्नान करते हैं. बीते कुछ सालों में इस स्थान के प्रति श्रद्धालुओं का झुकाव बढ़ता जा रहा है जिसके चलते अब यह जाना माना डेस्टिनेशन वेडिंग का भी हब बन गया है. देश विदेश से जोड़े विवाह बंधन में बंधने के लिए इस स्थान पर आना पसंद करते हैं.

वेद-शास्त्रों में उल्लेख है कि इसी स्थान पर त्रियुगीनारायण मंदिर त्रेतायुग से स्थापित है. एक अन्य प्रचलित मान्यता के मुताबिक यहीं भगवान विष्णु ने वामन देवता का अवतार लिया था.

कब जाएं त्रियुगीनारायण मंदिर

Triyuginarayan Temple
Triyuginarayan Temple

वैसे तो आप साल में किसी भी समय त्रियुगीनारायण मंदिर में जा सकते हैं. मगर ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से यहां जाने का सर्वोत्तम समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का है. इन दिनों मौसम हल्का ठंडा और सुखद बना रहता है जो यात्रा को आरामदायक बनाता है.

कैसे पहुंचे त्रियुगीनारायण मंदिर

How to Reach Triyuginarayan Temple
How to Reach Triyuginarayan Temple

त्रियुगीनारायण मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में केदारमार्ग यात्रा क्षेत्र में स्थित है यहां तक पहुंचने के कई रास्ते हैं, जिसमें से सड़क, रेल और वायु किसी मार्ग से जा सकते हैं.

सड़क मार्ग से – सड़क मार्ग से जाने के लिए पहले रुद्रप्रयाग तक बसें और टैक्सी लेनी होगी. रुद्रप्रयाग में त्रियुगीनारायण पहुंचने के लिए वहीं पर मौजूद बस, प्राइवेट कैब या टैक्सी आदि ले सकते हैं. बता दें कि रुद्रप्रयाग से लेकर त्रियुगीनारायण तक की दूरी 30 किलोमीटर है.

रेल मार्ग से – रेल मार्ग से जाने वालों के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है. यहां से त्रियुगीनारायण तकरीबन 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. वहां से बस या फिर टैक्सी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है.

वायु मार्ग से – अगर वायु मार्ग से मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो सबसे नजदीक जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पड़ेगा. ये स्थान त्रियुगीनारायण से लगभग 235 किलोमीटर दूर है. एयरपोर्ट से टैक्सी, प्राइवेट कैब, बस आदि करके मंदिर पहुंच सकते हैं.

यह भी पढ़ें – शोरगुल से दूर प्रकृति के गोद में मौजूद हैं उत्तराखंड के ये 5 ऑफबीट डेस्टीनेशन प्लेसिज, जरूर करें विजिट

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Tags: DehradunTemple TourismTop NewsTourismTriyuginarayan TempleUttarakhand Tourism
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