रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम यात्रा में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटे की रोक लगा दी गई है. पशु पालन विभाग ने पशुओं में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की शिकायत आने पर यह निर्णय लिया है. विगत दिनों 14 घोड़े-खच्चरों की मृत्यु के चलते जिला प्रशासन तुरंत अलर्ट मोड में आ गया है. केदारनाथ यात्रा के 3 दिनों के भीतर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख को पार कर गई है.
पशुपालन विभाग के सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम सोमवार देर शाम देहरादून से जनपद रुद्रप्रयाग पहुंचे और जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने बताया कि यात्रा में हो रही घोड़े-खच्चरों की मृत्यु के कारणों को जानने एवं अग्रिम उपायों के लिए केन्द्र सरकार से चिकित्सकों का दल जनपद रुद्रप्रयाग पहुंच रहा है.
डॉ पुरुषोत्तम ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में पशुपालन विभाग पिछले एक महीने से लगातार आवश्यक कदम उठा रहा है और 4 अप्रैल से 30 अप्रैल के मध्य विभाग ने लगभग 16,000 घोड़े-खच्चरों की स्क्रीनिंग की और स्क्रीनिंग में नेगेटिव आने के पश्चात ही घोड़े खच्चरों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है. उन्होंने बताया को04 मई को 08 और 05 मई को 6 घोड़े खतरों के मृत्यु हुई है.
वैज्ञानिकों का एक दल आज पहुंचेगा रुद्रप्रयाग
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि पशुओं की मृत्यु को रोकने और इसकी जांच के लेकर भारत सरकार से वैज्ञानिकों का एक दल कल रुद्रप्रयाग पहुंच जाएगा. ऐसे में निर्णय लिया गया है कि आगामी 24 घंटे में पशुओं के संचालन पर पूर्णतया रोक रहेगी. जिस दौरान अस्वस्थ पशुओं को पृथक कर क्वारंटाइन किया जाएगा और राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार को प्रेषित की गई जांच रिपोर्ट आने तक रोक जारी रहेगी.
रोक हटाने संबंधी निर्णय जांच रिपोर्ट आने के बाद ही लिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अस्वस्थ पशु को अलग रखने एवं अस्वस्थ पशु से कार्य ना कराने का उत्तर दायित्व पूर्णतः पशु मालिक का होगा. यदि ऐसा किया जाता है तो संबंधित पशु मालिक के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार