भारत ने पाकिस्तान और पीओके (POK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करके पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया. पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के खिलाफ देश में उपजा गम और गुस्सा आज सुबह नए जज्बे के रूप में दिखा. आधी-रात पाकिस्तान के खिलाफ हुए वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को सुनकर लोगों के कलेजे को कुछ ठंडक पहुंचीं. हमले में अपने परिजनों को गंवानों वालों ने बदला लेने के लिए भारतीय सेना को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया.
यह हमला तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रयास का परिणाम है.आपको बता दें कि यह 2019 में बालाकोट ऑपरेशन (Balakot Operation) के बाद भारत द्वारा किया गया सबसे बड़ा सीमा पार सटीक हमला है. आइए जानते हैं कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए किन हथियारों को उपयोग में लिया है.
ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए हथियार
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आधुनिकतम लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले हथियार इस्तेमाल किए. इसमें सैकल्प (SCALP) क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिजन बम और लोइटरिंग म्यूनिशन शामिल हैं.
स्कैल्प क्रूज मिसाइल (SCALP-EG/STORM SHADOW)
स्कैल्प मिसाइल यूरोप की रक्षा कंपनी MBDA के द्वारा बनाई गई है. यह भारत के 36 राफेल जेट्स का हिस्सा है. ब्रिटेन में इस मिसाइल को स्टॉर्म शैडो के नाम से जाना जाता है. यह एक लंबी दूरी की, कम दृश्यता वाली हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है. इसका पूरा नाम Système de Croisière Autonome à Longue Portée – Emploi Général है, जिसका अर्थ है “लंबी दूरी की स्वायत्त क्रूज मिसाइल प्रणाली – सामान्य उपयोग”.
क्या हैं स्कैल्प की विशेषताएं?
रैंज- 250-560 किमी
गति- सबसोनिक, Mach 0.8 (लगभग 1,000 किमी/घंटा)
वजन- लगभग 1,300 किग्रा, जिसमें 450 किग्रा का विस्फोटक वारहेड
मार्गदर्शन प्रणाली-GPS और नेविगेशन
इन्फ्रारेड सीकर- लक्ष्य की थर्मल छवि के आधार पर अंतिम चरण में मार्गदर्शन
टेरेंस रेफरेंस नेविगेश- इलाके की विशेषताओं के आधार पर उड़ान, जो रडार से बचने में मदद करता है.
उड़ान ऊंचाई- 100 से लेकर 130 फीट की कम ऊंचाई पर उड़ान, जो इसे रडार से बचने में सक्षम बनाती है.
हैमर मिसाइल
हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्टेंडेड रेंज (हैमर) हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट के जरिए चलने वाली मिसाइल किट है. राफेल में लगने वाली हैमर मिसाइल काफी खतरनाक है, जिसे जीपीएस के बिना भी 70 किलोमीटर की रेंज से लॉन्च किया जा सकता है.
हैमर की विशेषताएं-
1. हैमर मिसाइल हवा से जमीन पर 60 से 70 किलोमीटर तक दुश्मन को निशाना बना सकती है.
2. हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाली तेज गति से उड़ने वाली मिसाइल है.
3. इसका वजन 340 किलो होता है.
4. यह 10.2 फीट लंबी होती है.
5. इसके अगले हिस्से में नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम लगा होता है.
राफेल : क्यों है इतना खतरनाक?
राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं, जिसमें मीटियोर, स्कैल्प और हैमर मिसाइल हैं. इन तीनों मिसाइलों के साथ लैस होने की वजह से ही राफेल ने चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ा रखी है.
राफेल की विशेषताएं
राफेल एक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो अपनी उन्नत तकनीक और मारक क्षमता के लिए जाना जाता है. राफेल-एम की गति 2202 किमी/घंटा है, जो पाकिस्तान के JF-17 (1910 किमी/घंटा) और J-10 CE (2100 किमी/घंटा) से अधिक है. इसकी रेंज 3700 किमी है जो इसे लंबी दूरी के मिशनों के लिए उपयुक्त बनाती है.
लोइटरिंग म्यूनिशन
लोइटरिंग म्यूनिशन को निगरानी, लक्ष्य प्राप्ति और टर्मिनल स्ट्राइक भूमिकाओं के लिए तैनात किया गया था. इसे “कामिकेज ड्रोन” के नाम से भी जाना जाता है. ये ड्रोन सिस्टम लक्ष्य क्षेत्रों पर मंडराते हैं और या तो स्वायत्त रूप से या रिमोट कंट्रोल के तहत खतरों की पहचान करते हैं और उन्हें खत्म करते हैं.
कुछ विशेष हथियार-
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
विशेषताएं: 3.5 मैक की गति, 400-600 किमी की रेंज और सटीक लक्ष्य भेदन.
उपयोग: बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में जैश के कमांड सेंटरों और हथियार डिपो को नष्ट करने के लिए.
SPICE 2000 स्मार्ट बम
विशेषताएं: 60 किमी की रेंज, GPS और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल गाइडेंस, जो रात में भी सटीक निशाना लगाता है.
उपयोग: कोटली और PoK के प्रशिक्षण शिविरों पर मिराज 2000 जेट्स से तैनात.
Popeye प्रेसिजन-गाइडेड मिसाइल
विशेषताएं: 78 किमी की रेंज, रीयल-टाइम लक्ष्य समायोजन.
उपयोग: रावलपिंडी के पास जैश के हथियार भंडारों को निशाना बनाया.
स्वदेशी लेजर-गाइडेड बम (सुदर्शन)
विशेषताएं: डीआरडीओ (DRDO)द्वारा विकसित, 1000 किग्रा विस्फोटक क्षमता.
उपयोग: मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के सहायक ठिकानों पर.